शिमला. चौपाल को पर्यटन के क्षेत्र में उभारे जाने की अपार संभावनाएं हैं. इसके बावजूद धर्मिक पर्यटन स्थल चूड़धार को अभी तक सरकारी तौर से हिमाचल पर्यटन से नहीं जोड़ा गया है. चूड़धार को विकसित करने में वहां के ग्रामीणाें का बहुत बड़ा योगदान है. 12 साल तक स्वामी श्यामा नंद इस स्थल की व्यवस्था को संचालित करते रहे. अब उनके शिष्य कमलेश्वर महाराज इस जगह की व्यवस्था को संभाले हुए हैं.
दिल्ली और चंडीगढ़ से भी आते हैं श्रद्धालु
चूड़ेश्वर महाराज का पौराणिक मंदिर समुद्र तल से 11,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है. मंदिर में स्थापित शिवलिंग के प्रति लोगों में अपार आस्था है. पिछले 12 साल से हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन करने आ चुके हैं. इस समय श्रद्धालु लगातार यहां आ रहे हैं. दिल्ली, चंडीगढ़ जैसी जगहों से लोग यहां आते हैं और आकर यहां की खूबसूरती को देखकर प्रसन्न हो जाते हैं. वहीं प्रदेश सरकार इस जगह को पर्यटन के लिए विकसित नहीं कर रही है.