नई दिल्ली: देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का आज 65 वां जन्मदिन है. उन्होनें भारत के 15 वे राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. वह देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति महिला है. राष्ट्रपति मुर्मू का जन्म 20 जून, 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के उपरबेड़ा गांव में एक संथाली आदिवासी परिवार में हुआ था.
अपने जन्मदिन के खास मौके पर राष्ट्रपति मुर्मु जनता को राष्ट्रपति भवन से और भी करीब से रूबरू कराना चाहती है. वह आम जनता के लिए राष्ट्रपति भवन की लाइब्रेरी खोलने जा रही है.
राष्ट्रपति भवन का होगा पुस्तकालय डिजिटाइज
राष्ट्रपति मुर्मु के जन्मदिन के खास मौके पर राष्ट्रपति भवन पुस्तकालय को डिजिटाइज किया जा रहा है और इसे शोधकर्ताओं के लिए खोला जाएगा. साथ ही राष्ट्रपति संपदा की खेल सुविधाओं को बच्चों और पेशेवरों के लिए खोलने की संभावना है. इससे पहले एपीजे अब्दुल कलाम और प्रणब मुखर्जी दोनों ने भी ऐसा ही किया था.
राष्ट्रपति भवन के पुस्तकालय में 33,000 पुस्तकें
राष्ट्रपति भवन के पुस्तकालय में 2,000 दुर्लभ किताबों सहित 33,000 पुस्तकें हैं. इसे जनता के लिए ऑनलाइन उपल्बध कराया जाएगा. इसमें सबसे पुरानी किताब ‘ए कैटलॉग ऑफ द ओरिजिनल वर्क्स ऑफ विलियम हॉगर्थ, 1795 में प्रकाशित हुई थी.’ राष्ट्रपति कार्यालय के पास स्थित मुख्य पुस्तकालय की सामग्री को केवल ऑनलाइन ही एक्सेस किया जा सकता है.
में की पूजा-अर्चना
वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने जन्मदिन के खास मौके पर जगन्नाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की. प्रधानमंत्री सहित कई राजनेताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उनके जन्मदिवस पर बधाई दी.
पीएम मोदी ने दी बधाई
राष्ट्रपति जी को जन्मदिन की बधाई. हमारे लोगों के कल्याण के लिए ज्ञान, गरिमा और प्रतिबद्धता की एक किरण, देश की प्रगति को आगे बढ़ाने के उनके प्रयासों के लिए उनकी प्रशंसा की जाती है. उनका समर्पण हम सभी को प्रेरित करता रहेगा. उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना करते हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने दी बधाई
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं. राष्ट्र सेवा व समाज के हर वर्ग के कल्याण के प्रति आपका समर्पण प्रेरणीय है. प्रशासनिक व जनसेवा के क्षेत्र में आपके अनुभव का लाभ देश को मिल रहा है. आपके स्वास्थ्यपूर्ण सुदीर्घ जीवन की कामना करता हूँ.