नई दिल्ली. संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिये आधी सीट सुरक्षित करने की मांग एक बार फिर दिल्ली के सेन्ट्रल पार्क में उठी. देशभर के 1,900 गैर सरकारी संगठन और सिविल सोसाइटी संस्थाओं ने ‘नेशनल एलाइंस फॉर वुमेन रिजर्वेशन बिल’ के बैनर तले प्रदर्शन किया. बुधवार को दिल्ली के पालिका बाजार पार्क से शुरू हुई रैली सेन्ट्रल पार्क पहुंचकर सभा में बदल गयी. रैली में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी.
इस मौके पर आम आदमी पार्टी की विधायिका अल्का लाम्बा ‘अपने संगठन गो इंडिया फाउंडेशन के प्रतिनिधि के तौर पर उपस्थित रहीं.’ केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा की सरकार पर निशाना साधते हुये उन्होंने कहा कि सुमित्रा महाजन और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को महिला आरक्षण बिल पास कराने के लिये अब कदम उठाना चाहिये. उन्होंने कहा, “ जब केन्द्र में कांग्रेस की सरकार थी तब सदन में बहुमत नहीं होने का बहाना बनाया जाता था, लेकिन वर्तमान सरकार के पास ऐसी क्या मजबूरी है कि महिला आरक्षण बिल को पास नहीं किया जा सका है.” लाम्बा ने शीतकालीन सत्र में विधेयक पेश करने की मांग की.
क्या वे अपनी पार्टी में आधी टिकट महिलाओं को देने की वकालत करेंगी जवाब में लाम्बा कहती हैं कि उनकी पार्टी में छह विधायक महिलाएं हैं, हमारे सांसद और विधायक इस बिल का समर्थन करेंगे. लेकिन टिकट वाले सवाल पर वे बचती नजर आईं.
Join peaceful foot march and gathering tomorrow, Wednesday, 13 th December from Palika Bazar park to Central Park, CP from 12 noon
Activists and citizens from all sections of society will be requesting government to table Women’s Representation Bill in Lok Sabha this session
— Ranjana Kumari (@ranjanakumari) December 12, 2017
वहीं, प्रदर्शन में शामिल सीएसआर की डायरेक्टर डा. रंजना कुमारी ने पुलिस पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एन वक्त पर पुलिस ने उनके प्रदर्शन करने की अनुमति को खारिज कर दिया है.
रैली में शामिल एक गृहणी ने कहा कि हम लोगों को जागरूक करने के लिये रैली में शामिल हुये हैं. अगर हमें संसद में भी बराबरी मिलती है तो इसका असर हर जगह होगा.
एलाइंस की हेड अर्चना झा कहती हैं कि अब समय आ गया है कि विधानसभा और लोकसभा में 33 फीसदी नहीं बल्कि आधी आबादी के लिये आधी जगह देने की मांग उठनी चाहिये. वे आगे कहती हैं, “हम पंचायतों में जाकर महिलाओं को समान प्रतिनिधित्व के मुद्दे पर एकजुट कर रहे हैं, अब हम कश्मीर के अशांत क्षेत्रों की महिलाओं को भी इस मुद्दे पर एकजुट करनेवाले हैं. एलाइंस की एक अन्य प्रमुख रुसना सुबानी ने कहा कि अभी हमने शुरूआत की है. हम सरकार के साथ-साथ राजनीतिक दलों पर भी एक रुके हुये फैसले को पूरा करने के लिये दवाब बना रहे हैं.
रैली में उत्तम नगर से आईं गृहणी पवित्रा शर्मा को लगता है कि संसद में महिलाओं की संख्या बढ़ने के बाद ‘छोटी बच्चियों के खिलाफ होने वाली हिंसा खत्म हो जायेंगी’. वे कहती हैं, “जनानी कब तक जुल्म सहती रहेंगी, हमें भी अपना अधिकार चाहिये.” वहीं, संगम विहार से आईं पवित्रा शर्मा कहती हैं, “महिलाओं को सत्ता मिलने से कुछ-न-कुछ जरूर बदलेगा. वे कहती हैं कि महिलाओं को अपना अधिकारों को लेने के लिये घर से बाहर आना ही होगा.
महिला आरक्षण विधेयक पारित करवाने के लिए नेशनल अलायन्स फ़ॉर वुमन रिजर्वेशन बिल के बैनर तले महिलाओं ने दिल्ली में प्रदर्शन किया। pic.twitter.com/5vDh1BYrV0
— Panchayat Times (@PanchayatTimes) December 13, 2017