शिमला. भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि यह सदन का अपमान है कि नगर निगम शिमला के चुनाव घोषित होने के बाद वार्डों को कम करने का विधेयक लाया गया. यह विपक्ष की गैरहाजिरी में लाया गया. वार्डों की संख्या को 41 से 34 किया गया. इस बारे में अध्यादेश लाकर पहले ही ये वार्ड घटा दिए गए.
क्या कुछ हुआ
संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि अगर इनको इतनी चिंता थी तो चर्चा करते. ये गंभीर नहीं है. ये अखबार की सुर्खियों में रहने के लिए सदन से बाहर वाकआउट कर गए. विपक्ष ने बिल ही नहीं पढ़ा. यह तो वर्तमान सरकार का अधिकार है कि किसी भी कानून को अध्यादेश के माध्यम से कर सकते हैं. पिछली जयराम सरकार ने भी कई अध्यादेश लाए. स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि उन्हें इस बारे में व्यवस्था दी जाए.
पठानिया ने कहा कि यह मुद्दा देरी से उठाया जा रहा है. वह इस पर कोई बात नहीं करेंगे. विपक्ष न तो चर्चा के लिए उपस्थित था और न ही इस विधेयक के परिचय से पहले ही कोई आपत्ति जताई. सीएम सुक्खू ने कहा कि इन्हें बोलने दीजिए. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष को बोलने देने की अनुमति ही नहीं दी जा रही है.
जयराम ठाकुर ने कहा- विधेयक पारित हो गया. आप अंदाजा लगाइए कि वह देख रहे हैं कि तीन बार नियमों में संशोधन किए गए. यानी चुनाव आयोग ने जो काम करना था, वह सरकार कर रही है. आयोग को पंगु बना दिया गया है. हद तो यह हो गई कि आयोग ने जो वार्ड निर्धारित किए थे. इस पर सरकार का आदेश हो गया कि 41 से 34 किए जाएंगे. जयराम बोले – हमने इसलिए किया था कि जनसंख्या को दृष्टिगत रखा. पुनर्सीमांकन का मतलब है कि युक्तिकरण किया जाए. रोस्टर भी उल्टा कर दिया गया है. सबको उल्टा कर रहे हैं. कहीं आप भी उल्टे न हो जाएं.
सीएम सुक्खू ने कहा – पूर्व सीएम गुस्सा नहीं करते. आपको बोलने दिया गया. यह व्यवस्था परिवर्तन ही है. वाकआउट करना इनका मकसद है. इस ढंग से आगे नहीं बढ़ा जाता. नगर निगम के चुनाव विधानसभा चुनाव से पहले करने अनिवार्य हैं पर ऐसी व्यवस्था लाई कि चुनाव नहीं हुए. वार्डों की संख्या अध्यादेश लाकर कानून बनाया गया.
विपक्ष को प्रदेश के हित में लाए गए विधेयक पर चर्चा में भी भाग लेना चाहिए. इसे शिमला के हित में किया गया है. स्पीकर ने कहा कि पिछले कल वाकआउट के बाद अंदर आ जाते तो कौन रोक रहा था. आप आसन को एक्यूज नहीं कर सकते. इसका अधिकार नहीं है. इस पर सदन में विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी. सदन से विपक्ष ने वाकआउट कर दिया. विपक्ष ने सदन के बाहर भी नारेबाजी की.