धर्मशाला. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गुरुवार को धर्मशाला के मकलोडगंज में निर्वासित तिब्बतियन सरकार के आध्यात्मिक प्रमुख दलाई लामा से उनके निवास थकचेक चोलिंग में भेंट की और उनका आशीर्वाद लिया. आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा ने इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर चर्चा की तथा कहा कि मुख्यमंत्री पर अबदोगुणी जिम्मेदारी है.
जिनमें प्रथम जिम्मेदारी सरकार का संचालन व लोगों का कल्याण तथा द्वितीय जिम्मेदारी पार्टी के प्रति है. आध्यात्मिक गुरू ने कहा कि मानसिक शांति के साथ-साथ साफ भावनाओं की स्वच्छता समान रूप से महत्वपूर्ण है. वर्तमान परिप्रेक्ष्य में लोगों तथा विशेषकर राजनीतिज्ञों को मानसिक शांति के लिए भारत के पुरातन ज्ञान के अध्ययन की आवश्यकता है. भावनाओं में बहकर व्यक्ति को वास्तविकता नज़र नहीं आती.
इच्छाओं तथा ज्यादा क्रोध के कारण व्यक्ति को मानसिक शांति प्राप्त नहीं होती
आध्यात्मिक गुरू ने मुख्यमंत्री के साथ बातचीत करते हुए कहा कि ज्यादा इच्छाओं तथा ज्यादा क्रोध के कारण व्यक्ति को मानसिक शांति प्राप्त नहीं होती. उन्होंने कहा कि मानसिक तथा भावनात्मक नियंत्रण की कला भारतीय पुरातन ज्ञान की एक महान परम्परा है. भारत ऐसा एकमात्र देश है, जहां जैन, बौद्ध, सिक्ख, इसाई, मुस्लिम सभी धर्मों के लोग सौहार्द से एक साथ रहते हैं. पुरातन ज्ञान आज के समय में भी तर्कसंगत है. मानसिक तथा भावनात्मक स्वच्छता शांतिमय जीवन जीने के लिए आवश्यक है. आध्यात्मिक गुरू ने कहा कि मानसिक परिवर्तन लाना महत्वपूर्ण है तथा मानसिक ऊर्जा को दिशा देने के लिए भावनाओं का प्रशिक्षण अधिक महत्वपूर्ण है.
उन्होंने पुरातन ज्ञान के सम्पूर्ण अध्ययन पर बल देते हुए कहा कि लोगों को इसे अपने जीवन में अपनाना चाहिए. आवश्यकता से अधिक लगाव क्रोध व तनाव का कारण है.