शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने राज्य स्तरीय ‘दिशा’ बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभिन्न केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा की. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में तेजी लाई जानी चाहिए ताकि लोगों को इनके लाभ समय पर सुनिश्चित बनाए जा सके.
हर विभाग का ‘परफॉर्मेंस इंडेक्स’ तैयार करने के निर्देश
उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में देरी ही भ्रष्टाचार की जड़ है. सीएम सुक्खू ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विकास योजनाओं पर अगले छह माह में पुरजोर कार्य करें और सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने में जुट जाएं. उन्होंने हर विभाग का ‘परफॉर्मेंस इंडेक्स’ तैयार करने के निर्देश भी दिए. सरकार की प्रमुख योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए एफआरए और एफसीए मामलों के निस्तारण में तेजी लाने के निर्देश भी दिए.
मुख्यमंत्री ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए शिमला-परवाणु राष्ट्रीय राजमार्ग की अलाइनमेंट में आवश्यक बदलाव एवं इसका नवीनीकरण करने और सेब सीजन के लिए इस सड़क को खुला रखने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि नए बन रहे राष्ट्रीय राजमार्गों में सुरंगों एवं पुलों के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जाए. उन्होंने भूस्खलन की घटनाओं को कम करने के लिए विभाग को ढलानों की सुरक्षा की दिशा में काम करने के निर्देश भी दिए.
उन्होंने कहा कि तारादेवी बाइपास की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है. शिमला से मटौर राष्ट्रीय राजमार्ग पूरा फोरलेन बनेगा. उन्होंने कहा कि शालाघाट से नौणी के बीच दो सुरंगें बनाई जाएंगी. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कीरतपुर-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग का एक लेन ट्रैफिक के लिए खोल दिया गया है.
सीएम सुक्खू ने कहा कि मनरेगा के तहत वर्ष 2022-23 में राज्य में 1290 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं और 81.15 लाख कार्य दिवस सृजित किए गए. उन्होंने मनरेगा में बायोमैट्रिक हाजिरी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत 3727 कार्य स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 26 मई, 2023 तक 3485 कार्य पूरे कर लिए गए हैं तथा 2512 बस्तियों को सड़क सुविधा से जोड़ा गया है. उन्होंने योजना के अंतर्गत सड़कों की लैंथ ऑडिट करवाने के निर्देश भी दिए.