शिमला: राज्य में 30 नवंबर तक प्रत्येक व्यक्ति का हेल्थ आईडी कार्ड तैयार कर लिया जाएगा. आईजीएमसी के वार्षिक कार्यक्रम स्टिमुलस के समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने अटल सभागार के मंच पर यह बात कही.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य पहचानपत्र में मरीज की स्वास्थ्य संबंधी पूरी जानकारी होगी. इससे चिकित्सकों को इलाज करने में सहूलियत होगी. वहीं एक वर्ष में उच्च स्तरीय अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी. उन्होंने कहा कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए प्रदेश सरकार पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है. प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक आदर्श स्वास्थ्य संस्थान स्थापित किए जा रहे है.
इस अवसर पर उन्होंने आईजीएमसी शिमला की एससीए को 5 लाख रुपये देने की घोषणा की. वहीं मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कार भी बांटे. स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों में अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता है. उन्होंने आईजीएमसी के स्थापना दिवस की भी बधाई दी.
आपदा राहत कोष में दिए 6.11 लाख रुपये
आईजीएमसी के सीएसए, आरडीए, सेमडिकोट, कर्मचारी संघ की ओर से आपदा राहत कोष में छह लाख रुपये का चेक भेंट किया गया. इसके अलावा सीएम ने 15 से 17 मार्च, 2024 तक मनाली में आयोजित होने वाली वार्षिक नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन का पोस्टर भी जारी किया.
84 साल में भी फिट है शांडिल
सीएम ने कहा कि हमने धनीराम शांडिल को इसलिए मंत्री बनाया है क्योंकि 84 साल में भी पूरी तरह फिट हैं और अभी तक एक भी ऑपरेशन नहीं हुआ है. इस पर सभागार तालियों से गूंज उठा.
युवा चिकित्सकों को दिया संदेश
सीएम सुक्खू ने युवा चिकित्सकों को प्रोत्साहित करते हुए संदेश दिया कि जीवन में हार से घबराने की जरूरत नहीं है. सभी प्रशिक्षु लक्ष्य निर्धारित कर कड़ी मेहनत करें. उन्होंने कहा कि मेहनत के बिना जीवन में किसी भी मुकाम तक नहीं पहुंचा जा सकता है.