शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों की अस्थाई भर्ती नहीं की जाएगी. प्रदेश सरकार जब भी शिक्षकों की भर्ती करेगी तो यह सिर्फ और सिर्फ लोक सेवा आयोग के माध्यम से ही की जाएगी. बैकडोर से कोई भी भर्ती नहीं की जाएगी.
सरकार पारदर्शिता में विश्वास करती है
प्रदेश सरकार ने कमेटी बनाई है और उससे शिक्षकों के खाली पदों की जानकारी मांगी गई है. प्रदेश सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ काम कर रही है और आगे भी यह क्रम जारी रहेगा.
बीते मंगलवार को राज्य सचिवालय में कैबिनेट सब कमेटी की बैठक के बाद उद्योग मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान ने बताया था कि हिमाचल प्रदेश में बिना साक्षात्कार लिए सिर्फ शैक्षणिक योग्यता के आधार पर हजारों अस्थायी शिक्षकों की भर्ती होगी. जनजातीय और दूरदराज क्षेत्रों के स्कूलों में दो या तीन साल के लिए यह नियुक्तियां होंगी. नीति के तहत राज्य कैडर की शिक्षा निदेशक और जिला की भर्तियां उपनिदेशक करेंगे.
नियमित भर्तियों की तरह ही इनमें आरक्षण रोस्टर और भर्ती एवं पदोन्नति नियम लागू होंगे. प्रवक्ताओं की भर्ती राज्य स्तर पर होगी. भर्तियों में अभ्यर्थी के दसवीं, बारहवीं और स्नातक में प्राप्त अंकों के साथ टेट की मेरिट देखी जाएगी. प्रदेश में रोजगार के अवसर तलाशने के लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष एवं उद्योग मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान ने कहा था कि जनजातीय व दूरदराज क्षेत्रों में शिक्षकों के बड़ी संख्या में पद खाली हैं. इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.