शिमला. हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्ख की सरकार कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन लागू करने जा रही है. पेंशन लागू करने को लेकर सरकार पहले न्यू पेंशन स्कीम के कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक करना चाह रही थी. सीएम सुक्खू ने आज इसको लेकर NPS कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इसमें कर्मचारी संगठन की राय जानी गई.
हिमाचल की कांग्रेस सरकार 10 दिन में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) बहाल नहीं कर पाई. मगर, सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है. इसी मकसद से वित्त विभाग ने आज सचिवालय में नॉन पेंशन स्कीम (NPS) कर्मियों के साथ बैठक बुलाई गई थी.
ड्राफ्ट पर भी हुई चर्चा
आज की बैठक से पहले मुख्यमंत्री के निर्देशों पर सभी विभाग NPS कर्मचारियों का पूरा ब्योरा जुटा चुके थे. इसे OPS बहाल करने से पहले बनाए जा रहे ड्राफ्ट में शामिल किया जाएगा. मुख्यमंत्री के निर्देशों पर वित्त महकमा OPS के ड्रॉफ्ट को फाइनल रूप देने में जुटा हुआ है.
केंद्र सरकार यदि पैसा नहीं लौटाती है तो कर्मचारियों को पेंशन कैसे दी जाए. फिलहाल किसी को यह समझ नहीं आ रहा है कि केंद्र के पैसा वापस दिए बगैर OPS की बहाली कैसे होगी.
मगर कांग्रेस ने OPS बहाली का कर्मचारियों को भरोसा दे रखा है. इसी मकसद से आज OPS बहाली के ड्राफ्ट को फाइनल किए जाने की उम्मीद थी, ताकि सुक्खू सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी के लिए लाया जा सके. अधिकारियों के अलावा इस बैठक में 10 से 12 NPS कर्मचारी संघ के नेता भी बुलाए गए थे.
न्यू पेंशन के दायरे में 1.18 लाख कर्मचारी
हिमाचल में NPS यानि न्यू पेंशन स्कीम में अपनी 14 फीसदी हिस्सेदारी दे रही है. इस तरह सरकार अपनी हिस्सेदारी का करीब 952 करोड़ खर्च कर रही है. इसके अलावा 10 फीसदी कर्मचारियों के वेतन से काटा जा रहा है, जो कि करीब 680 करोड़ रूपए सालाना बनता है. हिमाचल में वर्तमान में 1.18 लाख कर्मचारी न्यू पेंशन स्कीम के दायरे में है, इनकी एनपीसी कंट्रीब्यूशन के तौर पर हर साल राज्य सरकार 1632 करोड़ भारत सरकार को दे रही है.