मंडी (सरकाघाट). छात्र निशांत ने प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की मार्च 2017 में आयोजित बारहवीं की परीक्षा में विज्ञान विषय से भाग लिया था. उसने स्थानीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से रोल नंबर 1743-331-5131 के तहत परीक्षा दिया था. जब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा परिणाम घोषित किया गया तो निशांत को गणित में 51 अंक मिले. निशांत को परिणाम पर भरोसा नहीं था. उसने निर्धारित समय में पुनर्मूल्यांकन के लिये आवेदन कर दिया. जब पुनर्मूल्यांकन का परिणाम आया तो शिक्षा बोर्ड से उत्तर आया कि अंकों में कोई वृद्धि नहीं हुई है और परिणाम यथावत है.
12वीं के छात्र निशांत को खुद पर भरोसा था और उसने सूचना का अधिकार 2005 के तहत सचिव से परीक्षा परिणाम की सूचना मांगी. जवाब में सचिव ने बताया कि निशांत को गणित में 88 अंक प्राप्त हुए हैं.
छात्र का कहना है कि बोर्ड की लापरवाही से उसके आगे की पढ़ाई प्रभावित हुई है. छात्र ने स्कूल शिक्षा बोर्ड से हर्जाना मांगा है. इस बारे में जब धर्मशाला स्थित स्कूल बोर्ड के सचिव अक्षय सूद से बात की गई तो उन्होने बताया कि वह मामले की पूरी जांच कर प्रभावित छात्र को न्याय देंगे.