इसरो ने भारत के आधुनिकतम संचार उपग्रह जीसैट-17 को एरियनस्पेस के एक भारी रॉकेट के जरिये गुरुवार को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया है. यह प्रक्षेपण फ्रेंच गुयाना के कौओरू से किया गया. इस उपग्रह का वजन लगभग 3477 किलोग्राम है. यह उपग्रह संचार सम्बन्धी विभिन्न सेवाएँ देने के लिए नॉर्मल सी-बैंड, एक्सटेंडेड सी-बैंड और एस-बैंड वाले पेलोड हैं. इसमें मौसम संबंधी आंकड़ों के प्रसारण वाला यंत्र भी है और उपग्रह की मदद से खोज एवं बचाव सेवाएं उपलब्ध करवाने वाला यंत्र भी हैं. अब तक ये सेवाएं इनसैट उपग्रह उपलब्ध करवा रहे थे.
यूरोपीय प्रक्षेपक एरियनस्पेस फ्लाइट वीए 238 ने कौओरू के एरियन लॉन्च कॉम्पलेक्स नंबर 3 से उड़ान भरी. कौओरू दक्षिण अमेरिका के पूर्वोत्तर तट पर स्थित एक फ्रांसीसी क्षेत्र है. इस उड़ान में निर्धारित समय से कुछ मिनट की देरी हुई. भारतीय समयानुसार इसे रात दो बजकर 29 मिनट पर उड़ान भरनी थी.
इस मिशन के कामयाब होने बाद एरियनस्पेस के सीईओ स्टीफन इस्राइल ने ट्वीट किया, ”जीसैट-17 अपने एरियन-5 प्रक्षेपक वीए-238 से सफलतापूर्वक अलग हुआ. इसकी पुष्टि हो गई. ”मिशन के बाद इसरो के मुख्यालय से की गई घोषणा में कहा गया,” फ्रेंच गुयाना के कोऔरू से एरियन-5 वीए-238 के जरिए जीसैट-17 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया.” जीसैट-17 इसरो के हालिया 17 दूरसंचार उपग्रहों के समूह को मजबूत करेगा. मिशन कंट्रोल सेंटर से इस प्रक्षेपण को देखने वाले विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक डॉ के सिवान ने इस मिशन को एकदम सटीक बताते हुए एरियनस्पेस का धन्यवाद किया.आपको बता दें कि इस महीने इसरो 5 जून और 23 जून को भी उपग्रह का सफल प्रक्षेपण कर चुका है.