नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की शिरकत को लेकर जारी कयास और तनातनी पर विराम लग गया है. कांग्रेस पार्टी ने इस पूरे कार्यक्रम को आरएसएस और बीजेपी का इवेंट बताकर किनारा कर लिया है.
कांग्रेस पार्टी ने साफ किया है कि न सोनिया गांधी और न ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. इसके साथ ही लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन भी शिरकत नहीं करेंगे. इन नेताओं ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर निमंत्रण को ठुकरा दिया है.
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बयान जारी कर कहा, ”पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खदड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण मिला. भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं. धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता आया है, लेकिन बीजेपी और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है.”
उन्होंने आगे कहा, ”स्पष्ट है कि एक अर्द्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए ही किया जा रहा है. 2019 के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को स्वीकार करते हुए एवं लोगों की आस्था के सम्मान में श्री मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी अधीर रंजन चौधरी बीजेपी और आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं.”
ये नेता शामिल नहीं हो रहे?
सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी के अलावा सूत्रों के हवाले से हाल ही में बताया था कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी समारोह में शामिल नहीं होंगी.
तृणमूल कांग्रेस की चीफ ममता बनर्जी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के जरिये ‘नौटंकी’ कर रही है. ‘मैं लोगों को धार्मिक आधार पर बांटने में विश्वास नहीं रखती. सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी भी निमंत्रण अस्वीकार कर चुके हैं.