नई दिल्ली. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष तिवारी के ट्वीट के बाद बढ़े विवाद के बीच तिवारी का स्पष्टीकरण आया है. एक अन्य ट्वीट में कहा गया है कि उनकी टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर नहीं थी बल्कि उनपर थी जो मोदी की तुलना महात्मा गांधी से करते हैं. साथ ही उन्होंने ट्वीट में प्रयोग किए हुए ‘अपशब्द’ को हिन्दी के सामान्य बोलचाल का शब्द बताया है.
मामला क्या है?
मनीष तिवारी ने देशभक्ति के संबंध में एक वीडियो शेयर किया था. इस वीडियो पर एक ट्विटर यूजर की प्रतिक्रिया आई थी कि देशभक्ति मोदी के डीएनए में है और महात्मा गांधी भी उन्हें यह नहीं सिखा सकते.
जवाब में मनीष तिवारी ने जो लिखा वही विवाद का कारण बन गया. मनीष तिवारी ने जवाब में लिखा था कि इसे कहते हैं …..को भक्त बनाना और भक्तों को पर्मानेंट …. बनाना. जय हो!
भाजपा नेताओं ने दी तीखी प्रतिक्रिया
भाजपा नेताओं ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया जतायी है. केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जनता के द्वारा खारिज किए जाने के बाद कांग्रेस और उसके नेता मानसिक संतुलन खो चुके हैं. वे प्रधानमंत्री के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग कर रहे हैं क्योंकि प्रधानमंत्री को जवाब देने के लिए उनके पास तर्क खत्म हो चुके हैं.
उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी की अगुवाई वाले कांग्रेस नेतृत्व को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.
Willing to apologise for using a ‘colloquial’ Hindi phraseHowever will PM promise to unfollow those who heap unmentionable abuse on women???
— Manish Tewari (@ManishTewari) September 17, 2017
मनीष तिवारी ने अपनी बातों को सही ठहराने के लिए कई ट्वीट किए हैं. आलोचना के बीच उन्होंने कहा कि क्या पीएम उनलोगों को अनफॉलो करेंगे जो महिलाओं को गालियां देते हैं.
इससे पहले कांग्रेस के प्रवक्ता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपशब्दों से भरे एक ट्वीट को रीट्वीट किया था जिसके बाद उनकी खूब आलोचना हुई थी.