शिमला(ग्रामीण). विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद हिमाचल में कांग्रेस पार्टी में बदलाव का दौर शुरू हो गया है. शिमला शहरी कमेटी को भंग कर पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने चुनाव के दौरान भीतरघात करने वाले नेताओं पर कार्रवाई शुरू कर दी है.
शहरी इकाई पर गाज इसलिए भी गिरी है क्योंकि यह ऐसी सीट है जहां कांग्रेस प्रत्याशी हरभजन सिंह भज्जी की जमानत तक जब्त हो गई थी. पार्टी के ही एक अन्य प्रत्याशी हरीश जनारथा टिकट न मिलने के बाद बतौर आजाद उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे.
कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ यहां कई कांग्रेसी पार्षदों ने भी बगावत कर दी थी. ये पार्षद अपने प्रत्याशी का प्रचार करने की बजाय आजाद उम्मीदवार के साथ प्रचार कर रहे थे. इन सबके लिए अब पार्टी ने शहरी कमेटी के पदाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए इसे भंग कर दिया है. हालांकि कमेटी के अध्यक्ष को अभी पद से नहीं हटाया गया है.
आठ पदाधिकारी पहले ही किए जा चुके निष्कासित
पार्टी ने उन आठ पदाधिकारियों को पहले ही निष्कासित कर दिया था जिन्होंने चुनाव के दौरान विरोधी दावेदार के साथ प्रचार किया था. इनमें जाखू से पार्षद अर्चना धवन, लोअर बाजार से पार्षद इंद्रजीत सिंह, कई पूर्व पार्षद और नेता शामिल हैं जिन्हें छह साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया गया है.