बिलासपुर(घुमारवीं). विधानसभा क्षेत्र सदर और घुमारवीं में विकास किस कदर हो रहा है इसका ताजा उदाहरण देखने को मिल रहा है. दोनों विधानसभा क्षेत्र की सीमाओं से सटे ग्राम पंचायत भपराल और ग्राम पंचायत पटेर में ,जहां आज भी लोग जान हथेली पर रखकर नदी पार करके अपने घरों को पहुंचते हैं. ऐसे में विकास किस कदर हो रहा होगा इसका आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है.
हैरानी की बात यह है कि इस पुल का निर्माण 20 साल पहले उस समय के पीडब्ल्यूडी मंत्री महेंद्र सिंह द्वारा शिलान्यास करके शुरू किया गया था, जब हिमाचल प्रदेश में हिमाचल विकास कांग्रेस की सरकार होती थी तथा केंद्र में अटल बिहारी वाजपेई की सरकार थी, लेकिन यहां के लोगों को केवल आश्वासन पर ही संतोष करना पड़ा.
करीब 20 साल गुजर जाने के बाद भी पुल अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पाया. जिसके चलते यहां करीब दो दर्जन गांवों के हजारों लोगों को पैदल ही अपना जीवन गुजर-बसर करना पड़ता है. लजंता निवासी बलवंत सिंह ने बताया कि वह भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं और जब वह बचपन में स्कूल जाते थे उस टाइम भी नदी पार करके स्कूल जाना होता था. अब 60 साल की उमर होने के बाद भी समस्या वैसी ही बनी हुई है .
अपनी बेटी से मिलकर आ रहे देवराज ने बताया कि उसने हाल ही में मटियाला गांव में अपनी बेटी की शादी की हुई है तथा कुछ दिन पहले वह अपनी पत्नी के साथ अपनी बेटी से मिलने आया था परंतु नदी में इतना पानी था कि वह अपनी पत्नी सहित नदी पार नहीं कर सका तथा उसे बिना बेटी से मिले ही अपने घर वापस जाना पड़ा था ।
उधर सदर विधायक बंबर ठाकुर ने बताया कि इस पुलिस के शीघ्र निर्माण के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली है तथा इसके लिए बजट का भी प्रावधान कर लिया गया है तथा विभाग के अधिकारियों को भी आदेश दिए गए हैं कि वह समय सीमा के अंदर पुल को तैयार करें ताकि लोगों को अतिशीघ्र स्कूल का लाभ मिल सके.