मंडी. विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही आरक्षण का मुद्दा भी गर्माता हुआ नजर आ रहा है. प्रदेश में बहुत से ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं जो अभी तक एससी/एसटी के लिए आरक्षित ही नहीं हुए हैं. इन्हीं में से एक है सराज विधानसभा क्षेत्र. पहले इस विधानसभा क्षेत्र का नाम चच्योट था. लेकिन वर्ष 2012 के परिसामन (डिलिमिटेशन) के कारण इसे सराज का नाम दिया गया.
इस विधानसभा क्षेत्र पर शुरू से ही ठाकुरों का अधिक वर्चस्व रहा है. सिर्फ एक बार पंडित प्रत्याशी को जीत मिली थी. जबकि एससी/एसटी के प्रत्याशित कभी यहां नजर भी नहीं आए. यही कारण है कि सराज विधानसभा क्षेत्र में एससी और एसटी समुदायों से जुड़े लोगों ने चुनाव आयोग को पत्र भेजकर इस विधानसभा क्षेत्र का एससी या फिर एसटी के आरक्षित करने की मांग उठाई है.
वहीं लोगों का कहना है कि सराज विधानसभा क्षेत्र में एससी/एसटी का करीब 33 प्रतिशत वोट है. आजादी के बाद एक बार भी इस विधानसभा क्षेत्र को आरक्षित नहीं किया गया है. इन्होंने चुनाव आयोग से इस पर विचार करते हुए इस विधानसभा क्षेत्र को एससी/एसटी के लिए आरक्षित करने की मांग उठाई है.