नई दिल्ली. दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के विस्थापितों में नौ महिलाओं ने राष्ट्रपति, झारखंड के मुख्यमंत्री और राज्यपाल को अर्धनग्न तस्वीरें और पत्र लिखकर इच्छामृत्यु मांगी हैं. भेजे गये तस्वीरों में महिलाएं न्याय के लिये हाथ जोड़े खड़ी हैं और उनके अद्धनग्न शरीर पर पोस्टर और तख्तियां लगी हुई हैं. पत्र में महिलाओं ने वास्तविक विस्थापितों को न्याय देने की मांग की है.
महिलाओं द्वारा भेजे गये पत्र में आरोप लगाया गया है कि डीवीसी ने नौ हजार फर्जी लोगों को विस्थापन के नाम पर नियोजित किया. महिलाओं ने अपने पत्र में लिखा है कि जमीन अधिग्रहण के बाद पीड़ित 1956 के बाद से ही प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अबतक न्याय नहीं मिल पाया है. महिलाएंं नौकरी के नाम पर हुये महा फर्जीवाड़ा की जांच कराने, दोषियों को सजा दिलवाने और विस्थापितों को न्याय देने की मांग कर रही हैं.
पत्र में कहा गया है कि पूर्व में भेजे गए पत्रों के जवाब में प्रधानमंत्री कार्यालय ने आठ बार केंद्रीय ऊर्जा सचिव से कार्रवाई की अनुशंसा की. परंतु कार्रवाई विचाराधीन रही. प्रधानमंत्री ने इस मामले में झारखंड के मुख्य सचिव को सीबीआइ जांच की अनुशंसा करने का निर्देश दिया था. जबकि प्रधानमंत्री का यह अनुशंसा आश्चर्यजनक रूप से रांची के दफ्तर पत्र से ‘खो’ गया।
जिन महिलाओं ने अपनी तस्वीरें भेजी हैं उनमें चार धनबाद से चार जामताड़ा से और एक पुरूलिया की हैं.