जयसिंहपुर (कांगड़ा). कहते हैं की लगन और मेहनत सच्ची हो तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है. जिसे सच करके दिखाया है गांव सहोड़ा के टिंकू विहान ने. टिंकू विहान एक गरीब परिवार से सम्बन्ध रखते हैं. जिनके पिता एक किसान और माता जगतंबा देवी गृहणी हैं.
गरीब परिवार से सम्बन्ध रखने वाले टिंकू आठ साल के थे जब रामलीला से उन्होंने अपनी शुरुआत की. जहां लोगों ने उनकी कला को सराहा और उन्हें अपनी प्रतिभा को निखारने का मौका मिला तथा उन्होंने बुलंदियों को छुआ. टिंकू ने बताया की वह फ़रेड में आयोजित होने वाली रामलीला में पिछले आठ सालों से हिस्सा ले रहे हैं . वहीं से उन्होंने अपने नृत्य की भी शुरुआत की.
डांस से कई गमों को भुलाया जा सकता है
टिंकू विहान का कहना है की वह पहले संगीत में रूचि रखते थे. लेकिन एक नृत्य प्रतियोगिता में भाग लेने के उपरान्त उनकी रूचि नृत्य में पैदा हो गई.रामलीला संचालक तथा लोगों के प्यार से पहला प्रोग्राम सुजानपुर में किया. डांस से कई गमों को भुलाया जा सकता है और खुश रहा जा सकता है. चौदह साल की मेहनत के बाद वह इस मुकाम तक पहुंचे हैं तथा लड़के व् लड़की दोनों रूप में डांस करते हैं. बड़े मंच की तालाश है ताकि वह अपनी अदाकारी को हर ज़गह पहुंचा सकें.
खेल से शुरुआत करने वाले टिंकू का कहना है की उन्होंने शुरू में स्कूल , गांव की पार्टीयों में , जगराता तथा स्टेज शो किए जिसे लोगों के प्यार तथा मीडिया ने तराश कर लोगों के सामने पहुंचाया है. टिंकू अपनी कामयाबी का श्रेय अपने मम्मी पापा को देते हैं. जिन्होंने कई मुश्किलें आने का बाबजूद उन्हें इस मुकाम तक पहुचने में मदद की.
टिंकू ने मीडिया का भी धन्यावाद करते हुए कहा की ने मीडिया ने भी उनका पूरा साथ दिया है और उनके नृत्य को लोगों तक पहुंचाया है. बड़े उतार चडावों से गुजरने के बाद वह इस मुकाम तक पहुंचे हैं. उन्होंने पब्लिक रिलेशन विभाग में भी नौकरी की है. इंसान किसी काम को करने की एक बार मन में ठान ने तो एक न एक दिन वह मुकाम हासिल कर ही लेगा और उन्होंने ऐसा ही किया और आज इस मुकाम तक पहुंचे.