कांगड़ा. पौंग झील के वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी एरिया में विदेशी मेहमान परिंदों की मौत के साथ-साथ अब स्थानीय पक्षियों का बर्ड फ्लू से मरना भी निरंतर जारी है. बर्ड फ्लू ने अब पौंग झील से निकलकर स्थानीय पक्षियों को तेजी से अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है. पहले तो कौवों को इसने अपना शिकार बनाया, अब इसकी चपेट में बगुले भी आना शुरू हो गए हैं.
झील के साथ सटी पंचायतों के बाशिंदों में बर्ड फ्लू को लेकर दहशत
जवाली में प्रवासी परिंदों की आमद बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे झील के साथ सटी पंचायतों के बाशिंदों में बर्ड फ्लू को लेकर दहशत पैदा हो रही है. प्रवासी पक्षियों की आमद से इन परिंदों में बर्ड फ्लू की संभावना को लेकर लोग डरे हुए हैं. वर्ष 2020 व 2021 की बात की जाए, तो पौंग झील में पहुंचे परिंदों में बर्ड फ्लू काफी फैला था, जिससे हजारों की तादाद में प्रवासी परिंदों की मौत हो गई थी.
हजारों की तादाद में मरने वाले प्रवासी परिंदों को दफनाना विभागीय टीम के लिए परेशानी का काम बन गया था. बर्ड फ्लू के कारण झील में मत्स्य आखेट को प्रतिबंध कर दिया गया था, जिससे मत्स्य आखेट कर परिवार का पालन-पोषण करने वाले करीब 2300 मछुआरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. पौंग झील में मौजूदा समय में विभिन्न प्रजातियों के करीबन 25हजार प्रवासी परिंदे पौंग झील में पहुंच चुके हैं.
पशु पालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. संजीव धीमान ने बताया कि शनिवार को 2 किस्मों के 20 पक्षी मृत पाए गए, जिनमें से कौवों की संख्या 18 रही और 2 बगुले मृत मिले.
वहीं वाइल्ड लाइफ के डीएफओ रोहन रहाणे ने बताया कि शनिवार को पौंग झील में 318 विदेशी मेहमान परिंदों की बर्ड फ्लू से मौत हो गई, जिनका विभागीय आंकड़ा अब पहुंचकर 4020 तक पहुंच चुका है. उन्होंने कहा कि विभाग निरंतर फ्लू के बचाव और इन परिंदों के सुरक्षा हेतु सक्रिय है.