सिरमौर (नाहन). प्रदेश की सबसे पुरानी लाइब्रेरी में शुमार ऐतिहासिक शहर नाम की महिमा लाइब्रेरी में असुविधाओं का अंबार लगा हुआ है. जिसका लम्बे समय से कोई समाधान नहीं किया जा रहा है. जिससे यहां आने वाले छात्रों को यहां कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वही विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने जल्द सुधार के संकेत दिए है.
कई दशक पहले महिमा लाइब्रेरी की स्थापना तत्कालीन शासक शमशेर प्रकाश ने अपनी पुत्री राजकुमारी महिमा की याद में की थी. जिसका मकसद था की भविष्य में यहां छात्रों को पढने के लिए उचित स्थान मिल सके. मगर आज यह लाइब्रेरी सुविधाओं के लिए तरस रही है. यह ना तो छात्रों के बैठने के लिए पर्याप्त व्यवस्था है और ना ही पढ़ने का अनुकूल वातावरण. जिससे छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. छात्रों ने समस्या को लेकर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल से उनके निजी आवास पर मुलाकात की.
दरअसल लाइब्रेरी में आज भी वही सुविधाएं मौजूद है जो कई दशक पहले थी छात्रों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है मगर सुविधाओं की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिसका सीधा नुकसान यहां पढ़ने पहुंचने वाले प्रतियोगी छात्रों को उठाना पड़ रहा है. इनका कहना है कि हंस कर यहां बैठने की उचित व्यवस्था नहीं है. जिससे छात्र पढ़ाई नहीं कर पाते है. छात्रों का कहना है कि वह पहले भी कई बार इस समस्या को प्रशासन के समक्ष उठा चुके है.
वहीं इस बारे में विधानसभा अध्यक्ष डॉ.राजीव बिंदल ने माना कि महिमा लाइब्रेरी में छात्रों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि पीछे 60 सालो से इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ है. मगर अब जल्द सब समस्याओं का निपटारा किया जाएंगा ताकि छात्रों को पढने के लिए अच्छा वातावरण मिल सके.
बच्चे देश का भविष्य है और देश के भावी निर्माता इस तरह की पंक्तियाँ अक्सर हम नेताओं के भाषणों में सुनते है. मगर सही मायनों में इस बात को लेकर कितने चिंतित है. इसकी तस्वीर यहां साफ़ देखने को मिल रही है।