सिरमौर (शिलाई). प्रदेश सरकार के आदेश के बावजूद पिछले तीन सालों में मिनी सचिवालय नहीं बन पाया है. क्षेत्र के लोगों में मामले को लेकर भारी रोष है.
स्थानीय लोगो में धर्म सिंह, कैलाश कुमार, धर्म सिंह, सिंघाराम, नैन सिंह, केवल राम, दोलत राम, कल्याण सिंह, अमर सिंह, खजू राम, मोहन कुमार, संत राम, खत्री राम, पवन कुमार ने बताया कि शिलाई में मिनी सचिवालय की वर्षों से मांग चल रही है, जिस पर भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दल हर चुनाव मे राजनीति करते आ रहे हैं.
वर्ष 2014 में मुख्यमंत्री शिलाई प्रवास पर आए थे और एक सप्ताह के अंदर मिनी सचिवालय की डीपीआर व अन्य दस्तावेज तैयार कर इसे खोलने को कहा था लेकिन मुख्यमंत्री का एक सप्ताह तीन साल बाद भी पूरा नहीं हुआ है. शिलाई विधानसभा का केन्द्र बिन्दु है और हर छोटे से कार्य के लिए क्षेत्र के लोगों को 150 किलोमीटर दूर पाँवटा साहिब जाना पड़ता है. यदि शिलाई मे मिनी सचिवालय खुलता है तो लोगों को राहत मिलेगी.
लोगों का कहना है कि प्रदेश में आगामी चुनाव होने हैं यदि जल्दी से शिलाई में मिनी सचिवालय का भवन निर्माण शुरू नहीं किया गया तो आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा और दोनों ही दलों के नेताओं का बहिष्कार कर आंदोलन किया जाएगा.
अधिकारियों की सफाई
उपमंडलीय अधिकारी योगेश चौहान ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि उनकी तरफ से मिनी सचिवालय की सारी औपचारिकताएं सीएम के शिलाई प्रवास के बाद तुरंत पूरी कर ली गई थी और फ़ाइल को संबंधित विभाग के उच्च अधिकारियों के पास जरूरी कार्यवाही के लिए भेजा जा चुका है.
उन्होंने बताया कि मिली सूचना के मुताबिक शिलाई मिनी सचिवालय की फ़ाइल लोनिवि के शिमला कार्यालय के ड्राइंग ब्रांच में अटकी हुई है.
वहीं, अधिशासी अभियंता, लोनिवि, शिलाई, प्रमोद उप्रेती ने बताया कि 5 करोड़ से अधिक की राशि वाले प्रोजेक्ट शिमला कार्यालय से ही फाइनल किये जाते हैं. मिनी सचिवालय की फ़ाइल में कितना कार्य बाकी है इसकी उन्हें जानकारी नहीं है. जैसे ही उनके पास प्रोजेक्ट आता है वह तुरंत ही मिनी सचिवालय भवन के टेंडर लगवा देंगे.