शिमला. हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सोमवार को रोपवे और रैपिड ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन एचपी लिमिटेड (आरटीडीसी) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की और सरकार ने शहरी रोपवे परियोजनाओं को विकसित करने की योजना बनाई.
हिमाचल में बनी नई सुक्खू सरकार की प्राथमिकता में ऐसे 329 गांव हैं, जहां पर रोपवे का निर्माण किया जाएगा. इससे गांव के लोगों को कृषि और बागवानी उत्पादों की ढुलाई में मदद मिलेगी. उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने अधिकारियों को इसका प्रपोजल तैयार करने के निर्देश जारी किए हैं, ताकि इसे मंत्रिमंडल की पहली बैठक में मंजूरी के लिए लाया जा सके.
प्रोजेक्ट को नाबार्ड से की जाएगी फंडिंग
राज्य सरकार इस प्रोजेक्ट के लिए नाबार्ड से फंडिंग करवाएगी. उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के तहत रोपवे विकास के लिए नाबार्ड के दिशा निर्देशों को भी मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल की बैठक में लाने को कहा है.
रोपवे से धार्मिक पर्यटन को भी जोड़ेगी सरकार
सरकार रोपवे से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में भी काम करेगी. उप-मुख्यमंत्री ने रोपवे ट्रांसपोर्ट निगम के अधिकारियों को माता चिंतपूर्णी और बाबा बालक नाथ मंदिर के लिए रोपवे विकसित करने की संभावनाएं तलाशने को कहा है.
अगले 5 सालों में 15 स्टेशनों को जोड़ा जाएगा रोपवे से
सरकार ने अगले 5 साल में 1546 करोड़ रुपए की लागत से 15 स्टेशनों को रोपवे से जोड़ने का भी लक्ष्य तय कर दिया है. अधिकारियों से इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अभी से काम शुरू करने के लिए कह दिया है. यह शहरी रोपवे परियोजना विश्व की अपनी तरह की दूसरी और भारत में पहली परियोजना होगी. सरकार धर्मशाला और मनाली के लिए इसी तरह की शहरी रोपवे परियोजनाओं को डेवलप करने की योजना बना रही है.
हर जिले में बनेगा 1-1 रोपवे
सरकार ने हर जिले में अगले 5 वर्षों के दौरान कम से कम एक रोपवे बनाने की भी योजना तैयार की है. इसका मकसद राज्य में संपर्क सुविधा बढ़ाकर रोजगार को बढ़ावा देना है और पर्यटन संभावनाओं को बढ़ाना है.