कांगड़ा(धर्मशाला). धौलाधार की पहाड़ियों में स्थित विश्व प्रसिद्ध ट्रैकिंग स्थल त्रियूंड में अब फर्स्ट एड की सुविधा ट्रैकरों को मिलेगी. वन विभाग त्रियूंड तथा गलू में बनने वाली चेकपोस्ट में फर्स्ट ऐड सेंटर भी बनाएगी. ट्रैकिंग रूट के बीच में भी ट्रैकरों को फर्स्ट ऐड की सुविधा दी जाएगी. ट्रैकिंग रूट पर रास्ता भटकने अथवा अन्य किसी प्रकार की समस्या आने पर ट्रैकरों को रेस्क्यू करने के लिए भी रेस्क्यू टीमें भी होंगी. किसी प्रकार की समस्या आने पर रेसक्यू टीम तुरंत मौके पर पहुंच कर ट्रैकरों की सहायता करेगी.
हर दिन केवल 500 लोग कर सकेंगे ट्रैकिंग
त्रियूंड में नियमों की अवहेलना करने वाले पर्यटकों पर अब लगाम कसी जाएगी. हुड़दंगी तथा क्षेत्र में गंदगी फैलाने वाले पर्यटकों पर जुर्माना लगाया जाएगा. त्रियूंड ट्रैकिंग स्थल में अब अपनी मनमर्जी से पर्यटक नहीं जा सकेंगे. ट्रैकिंग स्थल के लिए अब लगभग 500 पर्यटकों को ही एक दिन में जाने की अनुमति मिल सकेगी तथा रात्रि के दौरान कुल 100 लोग ही त्रियूंड में रुक सकेंगे.
वन विभाग ने बनाया सॉफ्टवेयर
त्रियूंड में जाने वाले पर्यटकों की अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने की भी व्यवस्था वन विभाग द्वारा की जा रही है. इसके लिए वन विभाग ने सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया है. वन विभाग द्वारा त्रियूंड ट्रैकिंग रूट के गलू में पर्यटक चैकपोस्ट के निर्मित होने के बाद इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा.
बायोमैट्रिक मशीन से पंजीकरण
चेकपोस्ट में पर्यटकों का पंजीकरण बायोमैट्रिक मशीन से किया जाएगा. वन विभाग द्वारा इस व्यवस्था को इसी साल शुरू करने की योजना है. वन विभाग द्वारा दूसरे चरण में भी त्रियूंड के लिए अन्य योजनाएं शुरू की जाएंगी. दूसरे चरण में विभाग द्वारा आधार लिंक के तहत पर्यटकों का पंजीकरण करने की भी योजना है. दूसरे चरण में विभाग द्वारा ट्रैकिंग पर जाने वाले पर्यटकों को जियो ट्रैकिंग बैंड देने की योजना है. बाहरी प्रदेशों से यहां घूमने पहुंचे पर्यटकों का कहना है की यह स्थान बहुत खूबसूरत और आनंदमय है.