शिमला: प्रदेश में नए भर्ती होने वाले डॉक्टरों का नॉन प्रैक्टिसिंग अलांउस (NPA) बंद करने के सरकारी फरमान के खिलाफ हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है. इस फैसले को वापस लेने की मांग को लेकर एचएमओए के आह्वान पर जिला कांगड़ा के सभी अस्पतालों के डॉक्टरों ने काले बिल्ले लगाकर सेवाएं दीं.
सरकार से उम्मीद है कि इस फैसले को शीघ्र वापस लेगी. उन्होंने चेताया कि अगर यह निर्णय सोमवार तक वापस नहीं लिया गया तो प्रदेशभर के सरकारी डॉक्टरों की ओर से अस्पतालों में सुबह साढ़े नौ से साढ़े 11 बजे तक पेनडाउन हड़ताल की जाएगी. हालांकि मरीजों को किसी प्रकार की कोई समस्या न आए इसके लिए अस्पताल में आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी.
वित्त विभाग की ओर से जारी की गई अधिसूचना के अनुसार नई भर्तियों में इन विभागों के डॉक्टरों को नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस नहीं मिलेगा. इस फैसले से हिमाचल मेडिकल अफसर एसोसिएशन के अलावा वेटरनरी, डेंटल और आयुष डॉक्टर नाराज हैं. ये सभी डॉक्टर सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं.
एनपीए रोकना न्याय संगत और जनहित्त में नहीं
हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव डॉ. विकास ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जारी आदेश से नए नॉन प्रैक्टिसिंग अलांउस केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकारों द्वारा डॉक्टरों को दिया जा रहा है. एनपीए देने से डॉक्टरों का अन्य राज्यों में पलायन रोका जाता है.
इसके साथ एनपीए डॉक्टरों द्वारा किसी अन्य अस्पताल या प्राइवेट क्लीनिक में सेवाएं देने से भी रोकता है. लेकिन प्रदेश में नए डॉक्टरों का एनपीए रोकना न्याय संगत और जनहित्त में नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार से नए डॉक्टरों का एनपीए बहाल करने की मांग की है.