नई दिल्ली. गुजरात में दूसरे और आखिरी चरण के मतदान से पहले राहुल गांधी के द्वारा दिये इंटरव्यू पर भेजा गया चुनाव आयोग का नोटिस वापस ले लिया गया है. यह नोटिस 13 दिसंबर को दिया गया था इसके साथ ही चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को नोटिस जारी कर 18 दिसंबर शाम 5 बजे तक इसका जवाब मांगा गया था और कहा था अगर संतोष जनक जवाब नहीं हुआ तो उन पर कार्रवाई की जायेगी.
चुनाव आयोग ने कांग्रेस को चिट्ठी लिख कर कहा, ‘3 दिसंबर को कांग्रेस के स्टार कैम्पेनर को जारी किया गया नोटिस वापस लिया जाता है.’ इसके साथ ही कांग्रेस को सुझाव दिया गया है कि मतदान से पूर्व प्रतिबंधित 48 घंटे के दौरान चुनाव संबंधी किसी बातों का जिक्र न करें.’
राहुल गांधी को जारी नोटिस के चलते कई बड़े हंगामे हुए. आरोप प्रत्यारोप लगाए गए थे और साथ ही चुनाव आयोग पर भी हमला किया गया था. अब हिमाचल और गुजरात चुनाव की मतगणना के एक दिन पहले चुनाव आयोग ने नोटिस को वापस ले लिया है.
दूसरी तरफ, नोटिस वापस लेने के बाद कांग्रेस ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर पर चुनाव आयोग से सवाल पूछा है कि अगर चुनाव आयोग ने एक टीवी इंटरव्यू को लेकर राहुल गांधी को दिए नोटिस को वापस ले लिया है तो दो सवाल जरूर पूछे जाने के चाहिए. पहला, क्या राहुल गांधी का इंटरव्यू टीवी चैनलों को दिखाने से रोकने के लिए यह महज एक साजिश थी. दूसरा, क्या पीएम मोदी और मंत्रियों के खिलाफ कोई एफआईआर और कार्रवाई न होना न्यायोचित है?