हमीरपुर. अगस्त मध्य से 9 माह से उपर व 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों को खसरा, रूवैला का टीकाकरण किया जायेगा. यह टीकाकरण स्कूलों में व सीएचसी में किया जाएगा. खसरा, रूवैला टीकाकरण से बच्चों के मृत्यु दर में कमी आएगी. वैक्सीन कवरेज बढ़ाने के लिए इलैक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटैलिजैंस नेटवर्क की जानकारी स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों और कार्यकर्ताओं को दिया जा रहा है. इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी सावित्री कटवाल ने बताया कि यह प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद कोल्ड चेन में गुणवत्ता बढ़ेगी. उन्होने बताया कि विभाग ने स्वास्थ्य कर्मियों, स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों, खण्ड चिकित्सा अधिकारियों के लिये खसरा, रूवैला कोल्ड चैन बारे एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन भी किया. उन्होने बताया कि माह अगस्त मध्य से 9 माह से उपर व 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों को खसरा, रूवैला का टीकाकरण किया जायेगा. यह टीकाकरण स्कूलों में व सीएचसी में किया जाएगा. खसरा ,रूवैला टीकाकरण से बच्चों के मृत्यु दर में कमी आएगी.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने हिमाचल के सभी सभी जि़लों में इलैक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटैलिजैंस नेटवर्क(ईवीआईएन)के ज़रिए एक अभूतपूर्व पहल की है. ईवीआईएन का उद्देश्य, राज्य में सभी कोल्ड चेन प्वाइंट्स पर वैक्सीन यानि टीकों के भंडार और प्रवाह तथा भंडारण के तापमान के बारे में तात्कालिक सूचना देकर भारत सरकार के नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को सहयोग देना है. अक्तूबर 2015 में शुरु हुआ ईवीआईएन, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 160 जि़लों में काम कर रहा है. इन राज्यों के अलावा असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, बिहार, झारखंड, मणिपुर, नगालैंड और ओड़िसा के 271 जिलों में ईवीआईएन को अपनाया जा चुका है.
ईवीआईएन का उद्देश्य भारत में टीकों की डिलिवरी, खरीद के लिए बेहतर नीति बनाने और नए टीकों की योजना बनाने के लिए सबूतों का आधार मज़बूत करना है. भारत में नवजात शिशुओं की 2.5 करोड़ से अधिक आबादी है जो दुनिया में सबसे अधिक है.