मंडी (करसोग). आस्था और श्रद्धा किसी भी रूप में हो सकती हैं. भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग लोककथाओं और जनश्रुतियों में भी एक चीज समान मिलती है, वह है श्रद्धा. हिमाचल के मंडी जिले के करसोग में भी एक स्थान है जहां वाहन चालक एक पेड़ के सामने शीश नवाते हैं. मान्यता है कि यहां वाहनों के खराब कलपुर्जे चढ़ाने से वाहन कभी खराब नहीं होते.
करसोग के गांव कताण्डा (नगेल्डि) इस पेड़ के पास से सभी वाहन चालक शीश नवाकर जाते हैं. इस पेड़ पर गाड़ियों की नंबर प्लेट या टूटे हुए सामान को श्रद्धा से चढ़ाते हैं.
चालक सुरक्षा की गारंटी मानते हैं
यह पेड़ करसोग से लगभग 30 किलोमीटर दूर करसोग-छतरी मार्ग के कताण्डा (नगेल्डि) पर स्थित है.मान्यता है कि इस पेड़ पर वनशिरा देवता का वास है. और देवता जंगल और सड़क मार्ग पर चलने वालों की पूरी रक्षा करते हैं.
पेड़ पर धूप-बत्ती जरूर दिखाते हैं
वनशिरा देवता के कारदार सूरत राम व राजेन्द्र कुमार ने बताया कि दयार के पेड़ में वनशिरा देवता का वास है. यहां वाहन चालक वाहन के खराब कलपुर्जे चढ़ाते हैं. जिसमें यात्रियों की यात्रा सफल होती है. गाड़ी के नुकसान का भय भी नहीं रहता व सुरक्षित अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने की कामना करते हैं. चाहे यहां से छोटा या बड़ा वाहन कोई भी गुजरे. इस पेड़ के सामने पूजा किए बगैर कोई आगे नहीं बढ़ता.
यहां पास में ही शिकारी माता का मंदिर भी बनाया गया है. यह ग्रामीणों के साथ पर्यटकों की भी आस्था का केंद्र है.