नई दिल्ली. चीन और भारत के मेजर जनरल के बीच शुक्रवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही. दोनों में से कोई भी देश अपने सैनिक को पीछे हटाने पर राजी नहीं हुए. मेजर जनरल स्तर की यह बातचीत नाथूला क्षेत्र में हुई. सूत्रों के मुताबिक भारत के द्वारा अपनी सेना नहीं हटाये जाने तक चीन अपनी सेना हटाने को राजी नहीं है. वहीं, भारत ने चीन को सड़क निर्माण के उपकरणों को क्षेत्र से हटाने की बात कही है. अबतक सेना के किसी अधिकारी का बयान नहीं आया है.
इससे पहले दोनों देशों के बीच ब्रिग्रेडियर स्तर की बातचीत हो चुकी है. इसका भी कोई नतीजा नहीं निकला था.
मालूम हो कि डोकलाम क्षेत्र में भारत और चीन की सेना पिछले 6 हफ्तो से आमने-सामने है. इस क्षेत्र में करीब 350 सैनिक तैनात हैं. इससे पहले दोनों देशों के बीच हुए कूटनीतिक बातचीत से भी कोई हल नहीं निकल पाया है. दोनों देशों की सेना ने कहा है कि वे अपने-अपने मुख्यालय में बातचीत के नतीजों की रिपोर्ट करेंगे.
इधर, चीनी नौसेना के एक अधिकारी ने भारतीय पत्रकारों से कहा है कि उनकी सीमा में दाखिल करने वालों पर वे सख्त कार्यवाई करेंगे. नौसेना के कैप्टन लियांग तियानजुन ने कहा “हमारे ऊपर लोग सीमा विस्तार का बेबुनियाद आरोप लगाते हैं, हम तो केवल अपनी सीमा की रक्षा करते हैं. हमारी सीमा में जो कोई भी दाखिल होने की कोशिश करेगा. हम उसे सख्त जवाब देंगे.” चीन की नौसेना ने अपने लड़ाकू जहाज यूलिन को दिखाने के लिए भारतीय पत्रकारों को बुलाया था. हालांकि यूलिन के कैप्टन लियांग तियानजुन ने भारत और चीन को मिलकर हिन्द महासागर की रक्षा करने की बात कही है.