नई दिल्ली. मनरेगा की राशि भुगतान में देरी होने से परेशान रांची के मांडर प्रखंड के एक किसान ने कथित रूप से खुदकुशी कर ली है. मुड़मा गांव के निवासी कारलूस कूजूर(56) को बंद कमरे में फांसी के फंदे से लटकता हुआ पाया गया. उनकी पत्नी ने उन्हें एस्बेस्टस की छत से झूलता हुआ देखा. जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिये रिम्स भेज दिया है.
कारलूस कुजुर की पत्नी सरोजनी कूजूर ने आरोप लगाया है कि मनरेगा कुआं योजना की राशि नहींं मिलने की वजह से उनके पति परेशान थे. और इसी वजह से उन्होंने फांसी लगा ली है. उनकी पत्नी ने कहा कि मांडर प्रखंड में वित्तीय वर्ष 2014-15 में कारलूस कूजूर ने अपने भाई क्लेवर कूजूर के नाम से मनरेगा योजना के तहत एक कुआं लिया था. योजना संख्या 7080900964148 के लिये करीब चार लाख रुपये मिलने थे. निर्माण कार्य के लिए अलग-अलग किश्तों में कारलूस कुजुर ने 1.75 लाख रुपये की राशि प्राप्त की थी. बाद में नाम में गड़बड़ी का हवाला देकर योजना राशि रोक दी गई थी. जिसके बाद कारलूस कूजूर काफी परेशान थे.
मांडर के बीडीओ विष्णुदेव कच्छप ने फिलहाल कुछ भी प्रतिक्रिया देने से मना किया है. उन्होंने कहा, “करलूस कुजूर का यह मामला पुराना है. यदि करलूस ने अपने भाई के नाम पर मनरेगा के तहत कूप निर्माण की योजना ले रखी थी, तो इस पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है. जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है”