बिलासपुर. हिमाचल सरकार द्वारा आवारा पशुओं पर लगाम लगाने के बड़े-बड़े वायदे किये गये. लेकिन जमीनी स्तर पर ये वायदे खोखले साबित हुए. अब हिमाचल प्रदेश में बनी भाजपा की नई सरकार के सामने भी यह एक महत्वपूर्ण चुनौती रहेगी.
फसल बीजना बंद कर दिया
बिलासपुर की मैहरीं काथला तथा बम पंचायत के मध्य आने वाली सीर खड्ड में आवारा पशुओं की तादात दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. बम-परनाल गांव में आवारा पशुओं का कहर इस कदर बढ़ चुका है कि लोग उपज वाली जमीन को भी बंजर रखने के लिए मजबूर हो चुके हैं. सीरखड्ड बम के साथ लगती जमीन को लगातार चार वर्षों से बंजर छोड़ा जा रहा है क्योंकि हर बार ग्रामीणों को आवारा पशुओं से मुक्ति का आश्वासन मिलता रहा है. सीर खड्ड से लगते बम क्षेत्र के लोगों ने फसल बीजना बंद कर दिया है.
जाग-जाग कर खेती को बचाया
बम क्षेत्र के ग्रामीणों की यह जमीन लगभग 300 बीघा क्षेत्र में फैली हुई है. अब आवारा पशुओं ने अपना रुख सीर खड्ड से लगती बंजर पड़ी जमीन को छोड़कर परनाल गांव के लोगों के घरों के आस-पास वाली उपजाऊ जमीन की तरफ कर दिया है. जहां पर लोगों ने पिछले साल रात भर जाग-जाग कर खेती को बचाया था.
निजात दिलाने की गुहार लगाई
सरकार को आवारा पशुओं की समस्या के लिए गंभीरता से कदम उठाने होंगे. वरना आने वाले समय में यह समस्या इतनी विकराल होगी कि लोगों के पास धरना प्रदर्शन के अलावा और कोई रास्ता नहीं रह जाएगा. इसके लिए मैहरीं काथला पंचायत तथा बम पंचायत की समस्त जनता ने पुनः हिमाचल सरकार से विनम्र निवेदन करते हुए आवारा पशुओं से निजात दिलाने की गुहार लगाई है.