सोलन. राष्ट्रीय स्तर पर अपना दमखम दिखा चुकी सोलन की रेसलर अब मजबूरन होकर दंगलों में जाकर अपनी डाईट के लिए फंड जुटा रही है. सरकार की तरफ से महिला रेस्लिंग के लिए किसी भी प्रकार की कोई सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही है.
नहीं मिल रही मूलभूत सुविधाएं
रेस्लिंग के अभ्यास में जुटी युवतियों आरती और तनू ने कहा कि वह प्रतिभा को निखारने के लिए जिले और प्रदेश का नाम रौशन करने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है, लेकिन अन्य राज्यों की तरह उन्हें किसी भी तरह की सुविधाएं नहीं मिल रही है.
उन्होंने बताया कि उनके पास डाईट के लिए फंड नहीं है इसलिए उनके कोच उन्हें जिले के विभिन्न स्थानों मे आयोजित होने वाले दंगलों में ले जाते है. वहां से जो फंड आता है उससे ही उनकी डाईट का खर्चा चल रहा है.
उन्होंने कहा कि उनके यहां मूलभूत सुविधाएं जैसे जिम और अभ्यास के लिए बेहतरीन मैट और खेल का अच्छा भवन तक उपलब्ध नहीं है. रेसलर को अच्छी डाईट की जरूरत होती है, लेकिन वो भी उन्हें उपलब्ध नहीं हो पा रही है. जिसकी वजह से उनका अभ्यास ठीक से नहीं हो पाता और यही कारण है की प्रतिभा होते हुए भी वह अन्य राज्यों की खिलाड़ियों को मात नहीं दे पाती. इस लिए उन्होंने प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि सरकार उन्हें सुविधाएं प्रदान करे ताकि वह अपने सपनों को पूरा कर सकें.