शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने निराश्रित बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ स्टेट का दर्जा दिया है. हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने हर त्योहार पर बच्चों को 500 रुपए फेस्टिवल अलाउंस के तौर पर देने का फैसला लिया था.
दिवाली के मौके पर सरकार की ओर से इन बच्चों के लिए 5 लाख 27 हजार की राशि जारी कर दी गई है. प्रदेश के ‘चिल्ड्रन ऑफ स्टेट’ को दिवाली के मौके पर 500 रुपए दिए जाएंगे. इससे पहले दशहरे के मौके पर भी सरकार ने इन बच्चों को फेस्टिवल अलाउंस दिया था.
CM सुक्खू ने चिल्ड्रन ऑफ स्टेट को दिवाली की शुभकामनाएं दीं
हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग संस्थानों में रह रहे चिल्ड्रन ऑफ स्टेट के लिए 3 लाख 27 हजार 500 की राशि अलग से जारी की गई है. इस राशि से इन संस्थानों में दिवाली के त्योहार की अन्य तैयारियां सुनिश्चित की जा सकेंगी. मुख्यमंत्री सुक्खू ने सभी चिल्ड्रन ऑफ स्टेट को दिवाली की शुभकामनाएं भी दी हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार चिल्ड्रन ऑफ स्टेट के विकास के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है और बच्चों को खुद को अकेला समझने की जरूरत नहीं है. उनकी अपनी सरकार उनके साथ है.
उदाहरण बना पहाड़ी राज्य हिमाचल
प्रदेश सरकार 27 साल की उम्र तक के अनाथ बच्चों को चार हजार रुपये मासिक जेब खर्च, कोचिंग के लिए एक लाख रुपए, तीन बिस्वा भूमि और मकान निर्माण के लिए तीन लाख रुपये, शादी के लिए दो लाख रुपये का अनुदान और सूक्ष्म व लघु उद्योग लगाने के लिए दो लाख रुपये का अनुदान दे रही है.
इससे पहले तीन अक्टूबर को मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत प्रदेश भर के 2 हजार 466 निराश्रित बच्चों को 4.68 करोड़ रुपए की राशि वितरित की गई थी. कार्यक्रम में प्रदेश भर से करीब 900 बच्चों ने हिस्सा लिया था. मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कहा था कि सरकार इन बच्चों को इनका अधिकार दे रही है. हिमाचल प्रदेश आज पूरे देश के सामने एक उदाहरण के तौर पर स्थापित हुआ, जहां कानून के तहत निराश्रित बच्चों को उनका अधिकार दिया जा रहा है.