जयपुर: राजस्थान की राजनीति में ‘रावण’ को लेकर घमासान मचा हुआ है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ‘राजनीति का रावण’ बताए जाने पर उनके खिलाफ चित्तौड़गढ़ में मानहानि के आरोप में एफआईआर दर्ज करवाई गई है.
स्थानीय कांग्रेस नेता सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने शेखावत के खिलाफ सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई है. बता दें कि गुरुवार को शेखावत ने चित्तौड़गढ़ में बीजेपी की जन आक्रोश रैली में अपने भाषण के आखिर में राजराज्य के लिए संकल्प लेने का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बयान दिया था.
इस मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है. इनमें धारा 143, 153 ए (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) , 295 ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) और धारा 500 व 504 (शांति भंग करना) और 511 और 505 (2) शामिल हैं.
क्या कहा था शेखावत ने?
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने चित्तौड़गढ़ में बीजेपी की जन आक्रोश रैली में अपने भाषण के आखिर में कहा, ‘‘राजस्थान में राजनीति के इस रावण अशोक गहलोत को समाप्त करना चाहते हो तो भुजाएं उठाओ और राजस्थान में राम राज्य की स्थापना के लिए संकल्प कीजिए.”
गहलोत ने किया पलटवार
शेखावत के बयान के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा था, “अगर मैं रावण हूं तो तुम राम बन जाओ और निवेशकों का पैसा लौटाओ.” अपने इस बयान के साथ गहलोत ने शेखावत की संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में कथित संलिप्तता की ओर इशारा किया था.
साथ ही गहलोत ने हनुमानगढ़ के रावतसर में कहा था कि इस घोटाले में केंद्रीय मंत्री के मित्र जेल में हैं और उनके भी जेल जाने की नौबत है. उन्होंने कहा था कि केंद्रीय मंत्री मुल्जिम हैं तो उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए.