मंडी (बालीचौकी). मंडी जिले में बालाचौकी से लगभग 20 किमी दूर स्थित डाहर गांव भीषण आग से लगभग तबाह हो गया. सूखी घास से फैली आग ने इतना विकराल रूप धारण कर लिया कि 30 से ज्यादा घर इसकी चपेट में आ गए. राहत दलों के पहुंचने तक सभी घर तबाह हो चुके थे. ठंड की दस्तक के साथ ही 200 से ज्यादा लोग बेघर हो गए.
गांव में आग धधकने के बाद दूर से अपने घरों को जलता देखते रहे लोग.
जिला मुख्यालय से 100 किमी की दूरी
डाहर गांव की दूरी मंडी जिला मुख्यालय से लगभग 100 किमी है. सूचनाओं के मुताबिक सोमवार को दोपहर बाद गांव में आग लगी. पास-पास बने लकड़ी के घरों में आग तेजी से फैली और कुछ ही देर में पूरा गांव लाक्षागृह बन गया. अफसरों तक सूचना पहुंचने और राहत दलों को रवाना करने तक ही गांव राख के ढेर में तब्दील हो चुका था.
आंखों के सामने जलता देखते रहे आशियाना
आग धधकी तो गांव के लोगों ने इसपर काबू पाने की काफी कोशिशें कीं. मगर आग तेजी से बढ़ती गई और ग्रामीण अपने घरों को जलता देखने के सिवाय और कुछ नहीं कर सके. गांव या आसपास पानी के स्रोत भी कम थे और अग्निशमन के इंतजाम भी नदारद. मौके पर तहसीलदार अनिल कुमार पहुंचे और राहत कार्य का जायजा लिया.
फायर ब्रिगेड पहुंचने में लग गए चार घंटे
डाहर गांव मुख्य मार्ग से भी काफी अंदर है. फायर ब्रिगेड के वाहनों को कुल्लू के लारजी से भी भेजा गया. हालांकि दूरी की वजह से उन्हें पहुंचने में चार घंटे से ज्यादा का समय लगा. आग बुझाने की तैयारियों से पहले ही सभी घर खाक हो चुके थे.
एसपी मंडी अशोक कुमार ने बताया कि राहत और बचाव दलों को घटनास्थल पर कैंप करने को कहा गया है. इसके अलावा बेघर हुए लोगों के लिए टेंट, भोजन और उपचार की व्यवस्था भी कराई गई है.