मंडी (धर्मपुर). मंडी जिला के धर्मपुर उपमंडल के अंतर्गत 261 आंगनबाड़ी केन्द्र आते हैं. इनमें से 256 केन्द्र बड़े व पांच मिनी केन्द्र हैं. लेकिन अभी तक आठ आंगनबाड़ी केन्द्रों को ही अपना भवन नसीब हो पाया है.
ये आंगनबाड़ी केन्द्र दबरोट, तडून, तनेहड़, फिहड़, लौगंनी, जोड़न, मौरला व झंझैल है. बाकी 253 केन्द्र या तो किराये के भवन में या कहीं गांव में स्थित प्राथमिक स्कूलों में या चल सामुदायिक भवनों में चल रहे हैं. जहां पर वर्तमान समय में ये आंगनबाड़ी केन्द्र चल रहे हैं वहां पर नौनिहालो को सुविधाओं की दरकार है. पीने के पानी की कमी, वेंटिलेशन और शौचालय की कमी है. फिर भी विभाग के कर्मी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी ड्यूटी का निर्वाह कर रहे हैं.
लेकिन सरकार इस बारे में गंभीर नजर नहीं आई. चाहे वह कांग्रेस की रही हो या फिर भाजपा की नौनिहालों की समस्याओं के बारे में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर हमें आंगनबाड़ी केन्द्रों को बनाने के लिए पंचायत द्वारा भूमि की व्यवस्था की जाती है. तो सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों का अपना भवन होगा.
जब इस बारे में बाल विकास परियोजना अधिकारी धर्मपुर जोगिंदर सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जहां पर पंचायतों द्वारा भूमि उपलब्ध करवाई जा रही है. वहां पर आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन का निर्माण विभाग द्वारा किया गया है. अगर पंचायत भूमि उपलब्ध करवाती है, तो सभी जगह विभाग द्वारा भवन बनवाने के लिए बजट का प्रावधान करने के लिए आग्रह किया जाएगा.
वहीं पर पंचायतों के प्रतिनिधियों के अनुसार जिनमें बिंगा के प्रधान अनिल कुमार,समौड़ के प्रताप सिंह ठाकुर सरी के संजय कुमार पैहड़ के करीशन चद धवाली की सरोज कुमारी ने कहा की अगर सरकार इन केन्द्रों को धन उपलब्ध करवाती है तो पंचायतों द्वारा जमीन उपलब्ध करवाई जाएगी.