नई दिल्ली: मणिपुर के कई इलाके 3 मई से हीं जातीय हिंसा की आग में जल रहे हैं. लेकिन यहां पिछले 24 घंटों में विभिन्न जिलों में पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है. उन्हें सबक सिखाया है. इस कार्रवाई में कुकी उग्रवादियों द्वारा बनाए गए उन 12 बंकरों को नष्ट कर दिया, जहां से उपद्रवी घात लगाकर आमलोग और सुरक्षाबलों को निशाना बनाते थे.
इस कार्रवाई के बाद मणिपुर पुलिस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों ने इंफाल से सटे तमेंगलोंग, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, कांगपोकपी, चुराचांदपुर और काकचिंग जिलों में तलाशी अभियान चलाया और पहाड़ी और घाटी दोनों में बने 12 बंकरों को नष्ट कर दिया. मणिपुर पुलिस ने कहा कि ज्यादातर जगहों पर स्थिति तनावपूर्ण है लेकिन कुछ स्थानों पर स्थिति नियंत्रण में है, कुछ छिटपुट घटनाएं हुई हैं, लेकिन राज्य के अधिकांश हिस्सों में स्थिति अब सामान्य है.
अबतक 135 गिरफ्तार, हजार से ज्यादा हथियार बरामद
उपद्रवियों पर की गई कार्रवाई के बाद मणिपुर पुलिस ने बताया की अब तक कर्फ्यू उल्लंघन, घरों में चोरी, आगजनी, बमबारी और गोली चलाने के मामलों में 135 लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही तलाशी अभियान तथा स्वेच्छा से हथियार सौंपे जाने से अब तक लगभग 1100 आधुनिक हथियार, 13702 गोला-बारूद और विभिन्न प्रकार के 250 बम बरामद किए गए हैं.
आम लोगों से सहयोग की अपील
हिंसा से प्रभावित राज्य के विभिन्न हिस्सों में फ्लैग मार्च, घेराबंदी और तलाशी अभियान जारी है. सुरक्षाबलों ने पिछले 24 घंटो में जिस तरह से कार्रवाई की है, वैसा ही कुछ दिन जारी रहता है तो स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है. लेकिन सुरक्षाबलों को भी तलाशी अभियान के दौरान सतर्कता बरतने की जरुरत है.
मणिपुर के CM ने इसे गृहमंत्री से मुलाकात का असर बताया
मणिपुर से दिल्ली पहुंचे सीएम एन बीरेन सिंह अमित शाह से मिलने उनके आवास पर गए. राज्य के हालात कैसे हैं? हिंसा में कमी आई की नहीं? इन मुद्दों पर दोनों नेताओं के बीच काफी देर बातचीत हुई. इसके बाद बिरेन सिंह ने बताया – आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और मणिपुर में जमीनी स्तर पर बदलती स्थिति के बारे में जानकारी दी.
आगे उन्होंने बताया- अमित शाह की करीबी निगरानी में, राज्य और केंद्र सरकार पिछले हफ्ते में काफी हद तक हिंसा को नियंत्रित करने में कामयाब हुई है. उन्होंने जिस तरह से राज्य में हिंसा काबू करने के लिए ठोस कदम उठाए, उससे हालात में काफी सुधार हुआ है. 13 जून के बाद से एक भी जान हिंसा के कारण नहीं गई है, लोगों को समझाया जा रहा है. दोनों समुदाय के ज्यादातर लोग बात समझ भी रहे हैं.
जानें मणिपुर में क्यों फैली हिंसा?
मणिपुर हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एमवी मुरलीधरन ने हाल ही में एक आदेश दिया था. इस आदेश में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को मैतेई को भी अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग पर विचार करने को कहा था. कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (ATSUM) ने ‘आदिवासी एकता मार्च’ निकाला था. 3 मई को इसी एकता मार्च के दौरान हिंसा भड़क गई. बताया जा रहा है कि इसी दौरान आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा शुरू हो गई.