सोलन. जोगिंद्रा बैंक नौणी ब्रांच की मैनेजर ने कुछ स्वयं सहायता समूहों द्वारा उन पर लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है. नौणी बैंक की ब्रांच मैनेजर निशा ठाकुर ने पत्रकार वार्ता में कहा कि जब वह शामती शाखा में कार्यरत थीं तब वर्ष 2013 व 2015 में महिलाओं के कुछ स्वयं सहायता समूहों को बैंक व नाबार्ड के नियम व शर्तों के आधार पर लोन दिया था. लेकिन दी गई राशि को न लौटाने पर बैंक द्वारा बार-बार इन स्वयं सहायता समूहों को बैंक से भी नोटिस दिए गए. नोटिस के बाद भी जिन समूहों ने लोन वापस करने में आनाकानी की उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की गई. लेकिन समूह की कुछ महिलाओं ने लोन वापस न करने की एवज में उन्हीं पर ही लोन के दौरान अनियमितताओं के आरोप लगाए.
पत्रकार वार्ता में तथ्यों को प्रस्तुत करते हुए निशा ठाकुर ने कहा कि पाजो के दो स्वयं सहायता समूहों व कलीन के एक महिला स्वयं सहायता समूहों को नाबार्ड की स्वयं सहायता समूह ऋण योजना के तहत 1.5-1.5 लाख रुपये के ऋण दिए गए.
बैंक मैनेजर ने कहा कि बैंक द्वारा महिला स्वालंबन के तहत दिए गए ऋण में से समूह की एक महिला ने समूह से बाहर किसी अन्य महिला को एक लाख रुपये ब्याज पर दे दिए, जो नियम के विरुद्ध है. उन्होंने कहा कि जब लोन को वापस लेने बारे उन्हें बैंक से नोटिस जारी किए गए तो उन्होंने उल्टा बैंक मैनेजर पर ही झूठे आरोप लगाने का षडयंत्र रच दिया. जिससे उनकी व बैंक की छवि खराब हुई है.
उन्होंने कहा कि समूह की जिस महिला ने उन पर आरोप लगाए हैं वे वर्ष 2013 में दिए गए लोन के एक मामले में डिफाल्टर है और उसपर चेक बांउस का केस चल रहा है. ठाकुर ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में जो भी ऋण मंजूर किए हैं उनमें बैंक व नाबार्ड की गाइडलाइन को पूरी तरह से फॉलो किया गया है. ऐसे में अनियमितताओं का सवाल ही उत्पन्न नहीं होता. उन्होंने कहा इस संबंध में वह जल्द से जल्द झूठे आरोप लगाने वाली महिलाओं के खिलाफ मानहानि का दावा करेगी.