हमीरपुर(सुजानपुर). देश की स्वतंत्रता में अहम रोल अदा करने वाले वृद्ध सीताराम आजादी के इतने सालों बाद भी पक्की सड़क की सुविधा से वंचित हैं. स्वतंत्रता सेनानी के घर तक पक्की सड़क की सुविधा नहीं है. करीब 12 साल पहले घर के लिये निकाली गयी सड़क की हालत बद से बत्तर हो चुकी है. इस सड़क पर वाहन चलाना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल है.तीन बार एस्टीमेट बनाने के बाद भी सड़क को पक्का करने का काम कागजों में ही सिमट कर रह गया है. ग्राम पंचायत ऊहल गांव कढियार के 95 वर्षीय सीताराम का परिवार सड़क को पक्का करवाने के लिए विभाग व प्रशासन के कई चक्कर काट चुका है.
हाल ही में परिवार सुजानपुर दौरे के दौरान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मिला है. मुख्यमंत्री ने परिवार को पक्की सड़क की सुविधा उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है. एसडीएम के माध्यम से उपायुक्त को मामला सौंपा गया है. हालांकि अभी तक सड़क को पक्का करने के लिए कोई आगामी कदम नहीं उठाया गया है. स्वतंत्रता सेनानी परिवार को पक्की सड़क की सुविधा देने के दावों की भी पोल खुल गई है. आखिर क्यों स्वतंत्रता सेनानी को इस सुविधा से अब तक वंचित होना पड़ा है.
मुख्यमंत्री से है उम्मीद
वहीं परिवारजनों का कहना है कि अब उनकी उम्मीद सिर्फ मुख्यमंत्री से ही है. विभाग के दर्जनों चक्कर काटकर परिवार थक चुका है. बताते चलें कि कढियार के सीताराम आजाद हिंद फौज में शामिल होकर स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ चुके हैं. देश को आजाद करवाने का जज्बा कूट कूटकर भरा होने के कारण यह वीर कई वर्ष अपने परिवार से दूर रहा.
सीताराम ने बताया कि देशभक्ति का जज्बा होने के कारण मन में सिर्फ देश को आजाद करने का ही ख्याल उठता था. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में उन्होंने कई आपरेशनों में भाग लिया है. इस दौरान वह अंग्रेजों की जेल में भी रहे. आजाद हिंद फौज व अन्य क्रांतिकारियों के अथक प्रयासों से आखिर वह समय आ गया जब देश के लोगों ने आजादी के माहौल में सांस ली. कुछ वर्षों बाद सरकार ने घोषणा की कि स्वतंत्रता सेनानियों के घर तक पक्की सड़क की सुविधा होगी. सरकार की घोषणा के बाद भी सीताराम के परिवार को आज तक पक्की सड़क की सुविधा नहीं मिल पायी. परिवार विभाग के चक्कर काटकर तंग आ चुका है.
सड़क की हालत खस्ता
सीताराम के पुत्र सुभाष धीमान ने बताया कि घर तक मात्र कच्ची सड़क है. यह सड़क वाहनों के चलने योग्य नहीं है. ऐसे में उन्हें पक्की सड़क की सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है. उनके पिता सीताराम काफी वृद्ध हो चुके हैं. पक्की सड़क न होने के कारण उन्हें आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. तीन सितंबर को सुजानपुर में इस मसले को लेकर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मिले हैं. उन्होंने जल्द सड़क को पक्का करवाने का आश्वासन दिया है.