जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कैबिनेट मीटिंग के बाद नए 19 जिलों को मंजूरी दे दी है. अब राजस्थान में कुल मिलाकर 50 जिले होंगे. मुख्यमंत्री ने 2023-24 के बजट में राजस्थान में 19 नए जिले बनाए जाने की घोषणा की थी, जबकि जयपुर को दो हिस्सों में बाटने के विरोध के चलते 17 जिलों को कैबिनेट मीटिंग में हरी झंडी दी गई.
राजस्थान में लगातार नए जिलों को बनाने की मांग उठती रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा अपने लास्ट बजट में 19 नए जिले घोषणा की थी. जिसके बाद नए जिलों की सीमा को लेकर लगातार आम जन ने विरोध किया. इसके बाद जयपुर और जोधपुर दोनों जिलों की ग्रामीण और शहरी इलाकों में बांट दिया गया.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कैबिनेट मीटिंग में 19 नए जिलों के बनाए जाने के बाद राजस्थान में अब कुल 50 जिले हो गए हैं. वहीं, राजस्थान में कुल मिलाकर 10 संभाग हो गए हैं. नए संभागों में बांसवाड़ा, पाली और सीकर को शामिल किया गया है.
2000 करोड़ रुपये का प्रावधान
सरकार ने नए जिलों में प्रशासनिक अधिकारियों को नियुक्त कर दिया है. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि 7 अगस्त को सभी प्रभारी मंत्री नए जिलों की विधिवत पूजा करने के बाद उद्घाटन करेंगे. गहलोत ने आगे कहा कि हमारे यहां एक जिले में दूरी 200 किमी तक थी. दो-दो दिन लगते थे काम निपटाने में. जमीन संबंधी मामलों के निपटारे के लिए नाइट स्टे करना पड़ता था. अब उन्हें परेशान नहीं होना पड़ेगा. नए जिलों के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए दो हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
गहलोत ने कहा कि राजस्थान के इतिहास में पहली बार हो रहा है. जब जनता कह रही है कि यही सरकार फिर से आ रही है, जो बीजेपी के वोटर है, वो भी ये मानने लगा है कि इस सरकार ने अच्छा काम किया है. इस बात से बीजेपी डरी हुई है. राजस्थान के लिए हम 2030 तक देश के नंबर-1 राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए काम कर रहे है.