नई दिल्ली. गोधरा ट्रेन हत्याकांड के 11 दोषियों की फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया गया है. इसके साथ ही इस हादसे में मारे गये मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख का मुआवजा देने के आदेश गुजरात हाईकोर्ट ने दिये हैं.
गुजरात हाई कोर्ट ने पाया कि राज्य सरकार और रेलवे कानून व्यवस्था बनाये रख पाने में असफल रहा इसलिये प्रत्येक मृतक के परिजनों को 10-10 लाख की मुआवजा राशि दी जाये. सोमवार को सुनाये अपने फैसले में कोर्ट ने बाकी 20 आरोपियों की सजा को बरकरार रखा है. इन 20 अभियुक्तों को कोर्ट ने पहले ही उम्रकैद की सज़ा दी थी जो इस फैसले के मुताबिक जारी रहेगी. नये फैसले के बाद कुल 31 लोगों को गोधरा कांड के लिये उम्र कैद की सजा मिलेगी.
गोधरा साबरमती एक्सप्रेस घटना
26 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 बोगी में आग लगा दी गयी थी. इस हादसे में 59 लोग जलकर मर गये. इनमें ज्यादातर अयोध्या से लौट रहे ‘कारसेवक’ थे.
इस हत्याकांड की जांच एसआईटी को सौंपी गयी थी. 11 मार्च 2011 को कोर्ट ने 31 आरोपियों को सजा सुनाई. सुनवाई के बाद मुख्य अभियुक्त मौलाना उमर जी सहित 63 अन्य लोगों को बरी कर दिया गया था. राज्य सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी.
हाईकोर्ट की जस्टिस एएस दवे और जस्टिस जीआर उधवानी वाली पीठ ने ट्रायल कोर्ट के द्वारा सजा सुनाये गये लोगों की अपील पर सुनवाई की.