नई दिल्ली. अपने बेबाक विचारों को शब्दों में उतारने वाली मशहूर कवयत्री कलमा दास का आज ही के दिन यानी कि 1 फरवरी 1976 को उनकी आत्म कथा ‘माई स्टोपरी’ पब्लिश हुई थी. जिस कारण गूगल ने आज डूडल के जरिये भारत की मशहूर लेखिका को उनके महान लेखन के लिए याद किया है.
कमला दास की यह आत्मकथा माई स्टोनरी’ कोई साधारण आत्मकथा नहीं थी. इस आत्मकथा ने खूब सुर्खियां बटौरी थी. क्योंकि यह एक सच्ची कहानी पर लिखी गयी कहानी थी. इस कहानी ने देश ही नहीं बल्कि दुनियां में भी खूब सुर्खियां बटौरी थी.
अब हम आपकों बतायेंगे कौन थी कमला दास. उनका जन्म हिंदू घर में हुआ था. उनका नाम था माधवी कुट्टी था, लेकिन उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में अपनी पहचान कमला दास के नाम पर बनाई. उनकी शादी महज 15 साल की उम्र में हुई और 16 साल की मां बन गयी.
कमला दास पर आमी नाम से एक फिल्म भी बनाने की घोषणा हुई लेकिन उससे पहले ही ये विवादों में घिर गई. मामला केरल हाईकोर्ट में है. आरोप है कि फिल्म में लव जेहाद को उचित ठहराया जा रहा है. पहले विद्या बालन इसमें काम करने वाली थीं लेकिन शूटिंग से पांच दिन पहले ही ये कहकर फिल्म छोड़ दी कि उन्हें कमला दास के बारे में ज्यादा कुछ मालूम नहीं और वो डायरेक्टर के दृष्टिकोण से भी सहमत न
रात भर घरवालों के सोने के बाद किताबे लिखने का शौक और 1999 में धर्मांतरण कर अपने नाम से ‘दास’ हटाकर ‘सुरय्या’ लगाने वाली और कोई नहीं बल्कि कमला दास थीं. उन्होंबने अपनी कविताओं में सेक्शुएलिटी, पुरुष और महिला के संबंध से जुड़ी भावनाओं को बयां किया था.