धर्मशाला. गोरखा समुदाय ने कल एक विशाल रैली का आयोजन कर दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों कांग्रेस और भाजपा को हुंकार दी. रविंद्र राणा के नेतृत्व में रैली का आयोजन किया गया. उनके पक्ष में जबर्दस्त नारे- हमारा नेता कैसा हो रविंदर राणा जैसा हो भी लगते रहे. रविंद्र राणा धर्मशाला विधानसभा से गोरखा समुदाय के उम्मीदवार हैं. उनके ताल ठोंकने से धर्मशाला में चुनावी हलचल शुरू हो गई है.
कांग्रेस को होगा नुकसान
मालूम हो कि धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र में अकेले गोरखा समुदाय के लगभग 10 हजार वोट हैं. साथ ही पिछले 2012 के विधानसभा चुनावों में गोरखा समुदाय ने कांग्रेस प्रत्याशी सुधीर शर्मा को अपना समर्थन दिया था. सुधीर शर्मा ने भाजपा के उम्मीदवार किशन कपूर को 5 हजार से अधिक वोटों से शिकस्त दी थी.
राणा के चुनावों में उतरने से ज्यादा नुकसान कांग्रेस को होगा. क्योंकि गोरखा समुदाय का अधिकतर वोट कांग्रेस को पड़ता रहा है. पिछले चुनावों में रविंद्र राणा ने कांग्रेस को समर्थन दिया था. राणा के चुनावों में उतरने से कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों को नुकसान होगा. कल की रैली में लगभग 5 हज़ार लोग जुटे थे. इस रैली के माध्यम से धर्मशाला चुनाव क्षेत्र के मतदाताओं को जागरूक किया गया कि वह सही उम्मीदवार का चुनाव कर उसे वोट दें और धर्मशाला का विकास सुनिश्चित करवाएं.
यहां पर रविन्द्र राणा ने कहा कि इस जन चेतना रैली का उद्देश्य धर्मशाला वासियों में राजनीतिक जागरूकता फैलाना है. हम जनता से अपील करना चाहते हैं कि वह सही उम्मीदवार को चुने. यह संदेश राजनीतिक पार्टियों को भी है कि वह सही उम्मीदवार को चुन कर उनको टिकेट दे. धर्मशाला की पूरी जनता उनके साथ है. इसे परिवर्तन रैली भी कहा जा सकता है.धर्मशाला की पुकार है कि यहाँ एक अच्छा उम्मीदवार आना चाहिए. जो कि धर्मशाला से ही होना चाहिए न की किसी बाहरी क्षेत्र से.
रैली दोनों राजनीतिक दलों को दिखाने के लिए किया गया
राणा ने कहा कि यह शक्ति प्रदर्शन दोनों राजनीतिक दलों को दिखाने के लिए किया है. यह दोनों पार्टियों के लिए खतरे की घंटी है. हालांकि धर्मशाला से चुनाव मैदान में उतरने वालों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है. चुनावों के लिए कई नाम सामने आ रहे है. धर्मशाला से कांग्रेस और भाजपा से टिकट के चाहवान भी कई है. ऐसे में धर्मशाला का चुनाव रोचक होने वाला है.