मंडी. हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री एन.आर. ठाकुर ने कांग्रेस सरकार को कर्मचारी विरोधी करार दिया है. एन.आर. ठाकुर ने कहा कि यह सरकार कर्मचारियों के मुद्दों को तो पांच सालों में सुलझा नहीं पाई उल्टा उनको डरा-धमका कर मुंह बंद करवाने की कोशिश करती रही.
उन्होंने कहा, “सरकार ने इन पांच सालों में हजारों कर्मचारियों के तबादले किये तथा जिस भी कर्मचारी नेता ने सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों को उजागर करने की कोशिश की उसे चार्जशीट, बर्खास्तगी और कारण बताओ नोटिस का सामना करना पड़ा. जिसका ताजा उदाहरण परिसंघ के अध्यक्ष विनोद कुमार को बर्खास्त करना तथा कुशल कुमार मुख्य प्रारुपकार को मानसिक और शारीरिक तौर पर अधिकारियों द्वारा तंग करना है”.
भ्रष्टाचारी को दंडित करे सरकार
उन्होंने कहा कि विनोद कुमार का कसूर सिर्फ इतना है कि उसने अपने विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार को सबके सामने लाने की कोशिश की. सरकार को चाहिए था कि भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों को दंड देती लेकिन यहां भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वाले कर्मचारी नेता को ही सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया.
उन्होंने कहा कि इसी तरह कुशल कुमार मुख्य प्रारुपकार जो सुंदरनगर में कार्यरत हैं और शारीरिक तौर पर दिव्यांग भी हैं उन्हें भी अपने विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने का खामियाजा भुगतना पड़ा. नीचे से लेकर ऊपर तक के सभी अधिकारियों ने कुशल कुमार मुख्य प्रारुपकार को तंग करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी और जहां भी उन्होंने इस बारे बात करना चाही उनकी बात को अनसुना कर दिया गया.
एन.आर. ठाकुर ने कहा कि महासंघ भ्रष्टाचार उजागर करने वाले कर्मचारी नेता विनोद कुमार और कुशल कुमार के साथ चट्टान की तरह खड़ा है और उनके पक्ष में महासंघ को जो भी उचित कदम उठाना पड़ेगा वह उठाएगा ताकि भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे हुए अधिकारियों और नेताओं को सबक मिल सके.