नई दिल्ली. सोमवार को डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 10 सालों की जेल की सजा पंचकुला, सीबीआई कोर्ट ने सुनाई. उन्हे यह सजा उनपर 1999 में लगे रेप के आरोप के सही पाये जाने के बाद दी गई है. एहतियात के तौर पर सनोरिया जेल में ही फैसला सुनाया गया.
26 अगस्त को राम-रहीम को दोषी ठहराने के बाद से ही पंजाब और हरियाणा में हिंसा भड़की हुई है. देश में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोर्ट द्वारा फैसला सुनाने से पहले ड्रोन, हेलिकॉप्टर और कमांडो को सुरक्षा के लिए लगाया गया. हालत पर नियंत्रण रखने के लिए उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए गए हैं.
फैसला आने के बाद कुछ राजनेताओं ने इसका स्वागत किया है. जबकि ज्यादतर नेताओं ने चुप्पी साध रखी है. अबतक ज्यादातर बड़े राजनेताओं ने पीड़ित महिला के समर्थन में कोई बयान नहींं दिया है.
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट किया ‘न्यायपालिका ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कोई भी संविधान और कानून से ऊपर नहीं है.’
With the #RamRahimSentencing, the judiciary has proven that no one is above the Constitution and rule of law. #BJPBabaJailed
— Congress (@INCIndia) August 28, 2017
भाजपा के समर्थन में संजू वर्मा ट्वीट करती हैं कि मोदी राज में 10 साल की सजा मिली जबकि 2010 में हथियार चलाने का प्रशिक्षण कांग्रेस के शासन में दी गई.
10 yrs RI for Gurmeet Singh under aegis of #ModiGov;Arms training to #Dera in 2010 said advocate,under Congress led UPA! #RamRahimSentencing
— Sanju Verma (@Sanju_Verma_) August 28, 2017
मुर्तूजा ने ट्विटर हैंडल @msa2875 से ट्वीट कर न्यायालय के इस फैसले का स्वागत किया है. वे लिखते हैं ‘राम रहीम को मिला जेल भारतीय न्याय व्यवस्था पर गर्व करने का एक और मौका देती है, यह झूठे बाबाओं के लिए एक चेतावनी भी है.
#RamRahimSentencing goes for 10 yrs inside jail proud of indian judiciary & a warning to other fake babas.
— 🇮🇳 murtuza (@msa28775) August 28, 2017
नाभा ने राम रहीम को सजा मिलने के बाद पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को याद किया है. जिन्होने इस मामले को अपनी जान की कुर्बानी देकर सामने लाया था.
Remembering Ramachandra chatrapati – The man who exposed Dera chief paid with his life. #Salute #RamRahimSentencing #RamRahimSingh pic.twitter.com/TMI7xW4bou
— Nava.. (@iamnavamohan) August 28, 2017
The instances of violence today are deeply distressing. I strongly condemn the violence & urge everyone to maintain peace.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 25, 2017
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 अगस्त को ट्वीट किया था. हरियाणा, राम-रहीम, खट्टर सरकार या न्यायालय का नाम लिए बिना उन्होने हिंसा की निंदा की थी.
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने भी हिंसा की निंदा करके काम चलाया
Violence & brutality have no place in our society. Condemn the rampage and lawlessness in Haryana & appeal to restore peace and tranquility
— Office of RG (@OfficeOfRG) August 25, 2017
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर की आलोचना हो रही है. आलोचना के बीच वे घायलों से मिलने पहुंचे. पूरे घटनाक्रम के बीच उन्होने केवल घायलों से मिलते हुए कुछ फोटो शेयर की है.
CM @mlkhattar visited public & security personnel injured during the civil unrest in Panchkula today. pic.twitter.com/L8Sa8tLdu2
— CMO Haryana (@cmohry) August 25, 2017
साल 2002 में एक गुमनाम पत्र के माध्यम से तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सहित कई अन्य संस्थानों को एक महिला ने पत्र लिखा था. पत्र में राम रहीम पर महिलाओं के साथ रेप करने के आरोप लगाये गए थे. बाद में इस मामले पर कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. साल 2007 में दो अन्य महिलाएं भी सामने आईं. उन्होंने भी राम-रहीम पर रेप के आरोप लगाये. इस मामले में खबर छापने वाले पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या 2002 में कर दी गई थी.
कोर्ट के द्वारा तमाम हिदायत देने और हरियाणा-पंजाब में धारा 144 लगाये जाने के बावजूद समर्थकों को पंचकुला और अन्य स्थानों पर जमा होने से नहीं रोका जा सका.
अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद हिंसा में 36 लोगों की मृत्यु हो चुकी है.अकेले सिरसा में 32 लोगों की मौत हुई है. करोड़ों की सम्पत्ति के नुकसान होने के साथ मीडिया की ओवी वैन को जलाया गया और पत्रकारों को समर्थकों के द्वारा पीटा गया.
अबतक 250 से अधिक लोगों के घायल हुए है. खबर है कि 60 से अधिक पुलिसकर्मी भी हिंसा में घायल हुए हैं. पुलिस ने अबतक 1,000 से अधिक समर्थकों को हिरासत में लिया है. स्थिति खराब होने पर हाइकोर्ट को कड़ी टिप्पणी करनी पड़ी. अदालत ने कहा कि क्यों न राज्य के डीजीपी को हटा दिया जाए?