शिमला. शिमला सहित जिला के ऊपरी क्षेत्रों में बीते शनिवार रात को हुई ओलावृष्टि ने खूब कहर बरसाया है. ओलावृष्टि से सेब सहित स्टोन फ्रूट को खास नुकसान पहुंचा है. देर रात तक ओलावृष्टि का दौर जारी रहा. लोगों ने सेब के पौधों को ओलो से बचाने के लिए एंटी हेल नेट बिछाया हुआ है. ओलावृष्टि से एंटी हेलनेट की स्पोर्ट के लिए लगाए गए बांस के डंटे टूट कर जमीन पर गिर गए.
5 बार हुई ओलावृष्टि
वहीं हेलनेट के टूटने से सेब के पौधों की टहनियां टूट गई है. वहीं प्लम सहित अन्य स्टोन फ्रूट पर लगा फूल झड़ गया है. शिमला जिला की 6 पंचायतों में ओलावृष्टि से ज्यादा नुकसान हुआ है. इनमें फागू, धरेच, ददास, चियोग, दैहना और बनी पंचायत में रात को ओलावृष्टि जमकर हुई. एप्पल फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सोहन ठाकुर ने बताया कि बीती रात शिमला की 6 पंचायतों में 5 बार काफी देर ओले गिरे. रही-सही कसर आंधी तूफान ने पूरी की. जिन बागवानों ने अपने बगीचों में एंटी हेल नेट नहीं लगाए थे, उन्हें इसका ज्यादा नुकसान हुआ, क्योंकि सेब पर ओलों ने सीधी मार की है.
एंटी हेल नेट टूटे
सोहन ठाकुर ने बताया कि सेब के बचाव के लिए मिलने वाली जाली महंगी होती है. पूरे बगीचे को कवर करने के लिए इस पर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं. मौसम के तांडव से 6 पंचायतों के बागवान चिंता में पड़ गए हैं.
गोभी और मटर की फसल भी बर्बाद
ओलावृष्टि से खेतों में तैयार हो रहे गोभी और मटर की फसल को भी नुकसान हुआ है. पहले बारिश न होने की वजह से किसान परेशान थे. अब ओलावृष्टि ने तैयार हो रही फसल को नष्ट कर दिया है. ओलावृष्टि ने किसानों-बागवानों की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि प्रदेश में इन दिनों सेब और दूसरे फलों की फ्लावरिंग हो रही है. इस दौरान मौसम का साफ रहना और तापमान का अधिक होना जरूरी होता है.
बागवान चिंतित
तापमान गिरने से फ्लावरिंग और सेटिंग पर बुरा असर पड़ रहा है. तेज आंधी व तूफान से ऊपरी शिमला के ज्यादातर क्षेत्रों में नुकसान हुआ है. उधर मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को भी हल्की बारिश होने की संभावना है.