हमीरपुर. जिला में स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खुल रही है. नादौन अस्पताल में एक बेड पर दो-दो मरीजों का इलाज किया जा रहा है. जिससे मरीज ठीक होने की बताए परेशानी के दौर से गुजर कर इलाज करवाने के लिए मजबूर हो गए है.
नादौन अस्पताल के नए भवन का निर्माण कार्य गत पांच वर्षों से लटका होने के कारण इसका खामियाजा रोगियों तथा उनके तीमारदारों को भुगतना पड़ रहा है. आजकल बुखार के रोगियों की बढ़ी हुई संख्या के कारण एक-एक बिस्तर पर दो-दो और तीन-तीन मरीजों को लिटाया गया है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि आजकल क्षेत्र भर में बरसात के मौसम के कारण वायरल बुखार फैला हुआ है. रोजाना बुखार के रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है. यह अस्पताल केवल तीन डाक्टरों के सहारे चल रहा है. उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में चोड़ू तथा सेरा में कार्यरत डाक्टरों को रात की ड्यूटी देने के लिए बुला लिया जाता था, परंतु अब ये दोनों ही डाक्टर आगे की पढ़ाई के लिए पीजीआई चंडीगढ़ चले गए हैं. इस कारण नादौन में तैनात तीन डाक्टरों को ही दिन-रात ड्यूटी देनी पड़ रही है. इस कारण दिन में केवल दो ही डाक्टर ड्यूटी पर होते हैं.
अस्पताल स्टाफ ने बताया कि यहां सुरक्षा की व्यवस्था न होने से प्रतिदिन कोई न कोई डाक्टरों तथा स्टाफ के साथ झगड़ा करता रहता है. इतना समय बीत जाने के बावजूद अस्पताल का कार्य नहीं होने के कारण लोगों में भारी रोष है। लोगों ने सरकार से मांग की है कि अस्पताल के नए भवन के लटके पड़े निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करवाया जाए.
इस संबंध में विधायक विजय अग्निहोत्री ने कहा कि वह इसके निर्माण कार्य के बारे में तीन बार तो विधानसभा में भी प्रश्न पूछ चुके हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस बारे में गंभीर नहीं है. विजय कहा कि हालात इतने खराब हैं कि रोगियों के लिए उनके तीमारदारों को तो कई बार चारपाई भी घर से लानी पड़ती है. उन्होंने कहा कि वह एक बार फिर से इस समस्या को सरकार के समक्ष उठाया जाएगा.
वहीं समाज सेवक रमन मनकोटिया सहित स्थानीय युवाओं नीरज जैन, शुभम कपिल, विनय, विवेक, अजय शर्मा, मुकंद शर्मा, संदीप, संजय, अनिल, संजीव सेठी आदि का कहना है कि भवन की कमी के कारण यह समस्या काफी विकराल रूप धारण कर चुकी है.