शिमला. हिमाचल प्रदेश में कई दिनों के बाद अच्छी बारिश देखने को मिली है. बीते पांच दिन में हिमाचल में जमकर बादल बरसे हैं. इससे हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में ठंड लौट आई है. सोमवार को भी प्रदेश भर में बारिश, आंधी, तूफान, बिजली और ओले गिरे.
हिमाचल में जमकर बारिश
लाहौल स्पीति में बर्फबारी हुई. शिमला,सोलन और सिरमौर में बीती रात मूसलाधार बारिश हुई. सोलन में सबसे ज्यादा 61 मिलीमीटर और शिमला में 31.2 मिलीमीटर बारिश हुई. वहीं खदराला में 22 सेंटीमीटर और कुफरी, नारकंडा, खड़ापत्थर और चौपाल के खिड़की में 2 इंच तक बर्फ गिरी. सिरमौर जिले के चूड़धार में 6 इंच और चंबा के पांगी, भरमौर की ऊंची चोटियों पर भी बर्फबारी हुई. ऊंचे क्षेत्रों में हिमपात और अन्य इलाकों में ओलावृष्टि से प्रदेश में शीतलहर चलनी शुरू हो गई है.
जानकारी के अनुसार, मंगलवार को भी प्रदेश में मौसम खराब बना हुआ है और कांगड़ा में बादल छाए हुए हैं. इससे पहले, हिमाचल में येलो अलर्ट के बीच सोमवार को रोहतांग, शिकारी देवी, भरमौर, कुफरी, नारकंडा समेत ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हुई.
तापमान में आज 8 से 10 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई
प्रदेश के कई शहरों में 5 दिन पहले के मुकाबले तापमान में आज 8 से 10 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई. इससे फलों की फ्लावरिंग और सेटिंग पर बुरा असर पड़ा है. तापमान गिरने की वजह से पॉलिनेशन प्रक्रिया प्रभावित हो रही है. फ्लावरिंग के दौरान तापमान में उतार-चढ़ाव और कमी नुकसानदायक होती है.
बारिश के बाद सूखे से राहत
प्रदेश में 2 दिन से कई शहरों में हो रही बारिश हो रही है. इससे किसान-बागवानों ने राहत की सांस ली है, क्योंकि प्रदेश में मार्च के पहले 19 दिन में सामान्य से 73 फीसदी कम बारिश हुई. इसका किसान-बागवानों की फसलों पर बुरा असर पड़ा है. पानी के स्रोतों में जल स्तर में भी गिरावट दर्ज की गई. ऐसे में लोगों को अब सूखे से भी राहत मिली है.
ट्रांसगिरि क्षेत्र की दर्जनों पंचायतों में ब्लैकआउट
कुल्लू में बर्फबारी के चलते जलोड़ी जोत में आनी-कुल्लू नेशनल हाईवे 305 ठप हो गया है.सोमवार को बारिश के चलतते सिरमौर के ट्रांसगिरि क्षेत्र की दर्जनों पंचायतों में ब्लैकआउट हो गया है.
24 मार्च तक मौसम खराब
हिमाचल प्रदेश में मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश के कई भागों में 24 मार्च तक मौसम खराब रहने के आसार जताए हैं. 23 और 24 मार्च को कई क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी की संभावना है. वहीं, 21 व 22 मार्च को भी मध्य व उच्च पर्वतीय एक-दो स्थानों में बारिश-बर्फबारी हो सकती है.