शिमला. हिमाचल प्रदेश के चुनाव को लेकर जारी किए गए अपने घोषणापत्र में कांग्रेस का कर्मचारियों पर तो भाजपा का महिलाओं पर ज्यादा फोकस है. भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में कांग्रेस के ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) और हर महिला को 1,500-1,500 रुपये देने के वादे पर अपना दांव चला है.
यह दांव हिमाचल की आधी आबादी को आकर्षित करने का चला है. इसके साथ ही महिलाओें को नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण देने सहित अपने संकल्प पत्र में उनसे संबंधित 11 स्त्री शक्ति संकल्पों को शामिल किया गया है. ओपीएस देने पर इसकी पहले समीक्षा करने के अपने स्टैंड से भाजपा झुकी नहीं है, पर कर्मचारियों के अन्य मुद्दों पर कई वायदे जरूर किए हैं.
कांग्रेस का अपनी पहली कैबिनेट में ही ओपीएस की बहाली करने का वायदा
कांग्रेस ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति अवधि को 60 साल करने का भी वायदा किया है तो भाजपा ने कर्मचारियों की सभी वेतन विसंगतियों को दूर करने, महंगाई भत्ता देने जैसे एलान किए हैं. पिछले कई दिनों से हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का अपनी पहली कैबिनेट में ही ओपीएस की बहाली करने का वायदा चर्चा का विषय बना हुआ है, जबकि भाजपा इस बारे में सोच-समझकर निर्णय लेने की ही बात करती रही है.
क्या है भाजपा के घोषणापत्र में
इस पर भाजपा ने रविवार को भी स्पष्ट किया कि इस बारे में एक समिति बनी है, उसी से विचार-विमर्श के बाद इसे लागू करने की स्थिति बनेगी. यानी भाजपा ने इसे कांग्रेस की तरह सीधे तौर पर लागू करने का वायदा नहीं किया. मगर भाजपा ने एक बड़ा कार्ड स्त्री शक्ति संकल्प का चला है. इसे अपने संकल्प पत्र में शुरू में ही शामिल किया है.
महिलाओं को नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 33 प्रतिशत आरक्षण देने, मुख्यमंत्री शगुन योजना का विस्तार करने, छात्राओं को साइकिल और स्कूटी देने, महिला स्वयं सहायता समूहों को दो प्रतिशत ब्याज देने, गर्भवती महिलाओं को 25 हजार रुपये की राशि देना, तीन मुफ्त रसोई गैस सिलिंडर देने जैसे कई वायदे आधी आबादी को लक्षित कर किए गए हैं.