शिमला. जय अमित शाह मामले में एक वेबसाइट द्वारा बड़े खुलासे के बाद सोशल मीडिया में लगातार हंगामा जारी है. ऐसे में चुनावी राज्यों में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ना लाज़मी है. इसी मौके पर चौका लगाते हुए, हिमाचल में वीरभद्र सरकार ने भाजपा को घेरने के लिये शिमला में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर अपनी भड़ास निकाली.
सोमवार को शिमला में मीडिया के सामने हिमाचल कांग्रेस ने मांग की, शाह घोटाले में दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए। मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए क्योंकि सीबीआई, ईडी केंद्र की है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के जज इस मामले की पूरी जांच करें।
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और हिमाचल कांग्रेस से सह प्रभारी रंजीत रंजन ने शिमला में कहा कि मोदी ने भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया है। अब जो बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के परिवार ने इतना बड़ा घोटाला किया है इस पर मोदी क्या करेंगे। वैसे भी भाजपा का इतिहास रहा है कि घोटाले में संलिप्त पिछले कई राष्ट्रीय अध्यक्षों लाल कृष्ण आडवाणी, बंगारू लक्ष्मण, नितिन गडकरी को इस्तीफा देना पड़ा। कांग्रेस ने सवाल उठाये है कि अब क्या शाह से भी मोदी इस्तीफा लेंगे?
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस सह प्रभारी रंजीत रंजन ने शिमला में कहा कि एक वेबसाईट के जरिये पता चला है कि राष्ट्रीय भाजपा अध्यक्ष जय शाह की कंपनी टेम्पल इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड में घोटाला उजागर किया है। लेकिन अब उस साईट का सर्वर डाउन कर दिया गया है। किसी को कांग्रेस दोषी नहीं मान रही न किसी को गुनाहगार लेकिन जो प्रश्न उजागर हुए हैं, उनका जवाब दें।
न खाऊंगा न खाने दूंगा
अब क्या हो रहा है इसका खुलासा करें।
अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी में मां और पत्नी है। मार्च 14 से पहले 80 हजार का मुनाफा दिखाया था। मार्च 2014 में भाजपा आने के बाद 50 हजार करोड़ से 16 लाख प्रतिशत यानी 80 लाख करोड़ हो जाती है। देश मे मुद्रा स्फीति घाट रही है और बेरोजगारी बढ़ रही है और एक कंपनी को हफ्तों गुणा मुनाफा, कैसे हो सकता है।
इसके बाद 2016 में नुकसान दिखाकर कंपनी बन्द करने की नोबत आ गई। आयकर विभाग द्वारा 16 लाख बैंक खाते बैंड कर दिए गए थे तो क्या जय शाह के खाते नहीं देखे गए। जय शाह के ऑफिस के एक कमरे का किराया 80 लाख रुपया है। वही 51 करोड़ रुपये विदेशों से आये हैं। बताये ईडी ने इस पर क्या किया। आम आदमी होता तो आज जेल में होता।
इस क्या कारण था कि केआईएफएस में 15.78 करोड़ लोन कैसे दिया गया। इसे सेबी द्वारा चेतावनी भी दी गई थी। तो क्या खण्डेलवाल को इसकी एवज में कुछ दिया गया है। ऐसी उदारता किसी किसान और आम आदमी के साथ क्यों नही दी गई।
रंजन ने कहा कि दूसरी तरफ एक और कंपनी कंपनी कुसुम प्रिंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी जय शाह की ही है। 6 करोड़ की अमित शाह की प्रॉपर्टी की एवज में 25 करोड़ का लोन दिया गया। आरबीआई से पूछा कि किस हैसियत से यह लोन दिया गया।
2014 में मोदी सरकार ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से एमपी में 2, 1.5 मेगावाट की पवन चक्की लगाने की अनुमति बिना तजुर्बे के दे दी गई। शेयर और निर्यात कंपनी को किस आधार पर ऊर्जा उत्पादन की अनुमति दी गई। कांग्रेस ने प्रश्न किया कि इस रतलाम स्थित प्लांट की क्या स्थिति है बताएं। गोयल बताये की आस तरह सस्ता ऋण कितनों को दिया। क्या बेरोजगारी दूर करने का यह मापदंड है?
रंजन ने पूछा कि जय शाह क्या पार्टी पदाधिकारी है या मंत्री। क्या ईडी, सीबीआई से जांच करवाएंगे। भ्र्ष्टाचार के बार बार तंज कसा रहे हैं तो क्या अब इन घोटालों की जांच करेंगे। या देश मे न्यू मॉडल के तहत आम लोगों और किसानों को भी करोड़ों के लोन देंगे।
रंजीत रंजन ने कहा कि नोटबन्दी में यह बड़ा प्रश्न की कितने लोग हैं जो इस तरह लाभान्वित हुए थे। क्योंकि शाह के ही करीबी ने 50:50 में आधे पैसे हजारों करोड़ सफेद किया। अमित शाह गुजरात मे रंजन ने पूछा कि कोऑपरेटिव बैंक के निदेशक हों और नोटबन्दी के पहले दिन वहाँ 500 करोड़ जमा हुए थे उसका भी आज तक जवाब नहीं दिया गया है।
कांग्रेस दावा करती है अभी तो यह शुरुआत है आने वाले समय में अभी और बहुत बड़े खुलासे होंगे। यह मुद्दा निकला है तो भ्रष्टाचार में के दाग लगे हैं तो चुनाव में मुद्दा उछलेगा और हिमाचल गुजरात दोनों जगह भाजपा से पूछा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच सिटिंग जज से करवाई जाए।