शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने विकास के एजेंडे पर हिमाचल सरकार की स्थिति साफ कर दी है. प्रदेश सरकार अब बिना रुके और बिना थके निरंतर काम करेगी. यही वजह है, की अवकाश के बावजूद रविवार को कैबिनेट तय की गई.
केंद्र सरकार के समक्ष भी हिमाचल सरकार ने वाटर सेस और शानन प्रोजेक्ट की बात रखी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल के अधिकारों की लड़ाई जारी रहेगी और इसे वे जीतकर ही दम लेंगे. सीएम सुक्ख ने हिमाचल को-आपरेटिव बैंक के स्पार्क कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए हर संभव अवसर तलाशे जाएंगे.
उन्होंने आगे कहा कि हिमाचल को ग्रीन राज्य बनाने के लिए कदम बढ़ाए जा रहे हैं. शानन प्रोजेक्ट की लीज पूरी हो चुकी है. हिमाचल को यह प्रोजेक्ट सौंपने की तैयारी नहीं है. राज्य सरकार अधिकारों की लड़ाई लड़ रही है और इसे हर हाल में जीता जाएगा. वहीं, वाटर सेस हिमाचल का अधिकार है और भारी विरोध के बावजूद इसे लागू किया जाएगा.
इस बारे में उन्होंने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से मुलाकात की है. उन्होंने कहा कि जिन बिजली प्रोजेक्ट का ऋण पूरा हो चुका है. वे हिमाचल में बिजली पैदा कर 90 फीसदी कमाई कर रहे हैं, जबकि हिमाचल की व्यवस्था को इससे कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि इन प्रोजेक्ट से प्रदेश को 12 प्रतिशत रायल्टी मिलती रही है, लेकिन अब इस हिस्सेदारी को बढ़ाने की जरूरत है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल अपने पैरों पर खड़ा होगा. आगामी चार साल में अर्थव्यवस्था पटरी पर आएगी. ग्रीन इंडस्ट्री को बढ़ावा दिया जाएगा. सरकार जिन क्षेत्रों को विकसित करने जा रही है उनमें टूरिज्म सबसे पहला क्षेत्र होगा. जबकि हाइड्रो, आईटी, फूड प्रोसेसिंग और डाटा सेंटर को भी ग्रीन इंडस्ट्री में विकसित किया जाएगा.
200 मेगावाट सोलर प्रोजेक्ट पर काम शुरू
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि अक्तूबर से मार्च तक पांच से सात रुपए बिजली दूसरे राज्यों से खरीदी जाती है. बिजली बोर्ड इस अवधि में 5600 करोड़ रुपए की बिजली खरीद रहा है. राज्य में सौर ऊर्जा के प्रोजेक्ट स्थापित होते हैं, तो यह राशि बच जाएगी.
बैंकिंग सेक्टर में बदलाव करेगी सरकार
सीएम सुक्खू ने कहा कि सोसायटी ऋण नहीं लेंगी, तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा. इसके लिए 118 की अनुमति को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाएगा. चुनौतियों का सामना करेंगे, उससे पार पाएंगे. दो साल के भीतर अंतर नजर आएगा. दूसरे बैंकों के लिए को-आपरेटिव बैंक चुनौती बनकर उभरे, इसके लिए प्रयास करने की जरूरत है. आने वाले दिनों में सरकार बैंकिंग सेक्टर में बदलाव लाने जा रही है. हिम परिवार आधार की तरह यूनिक आईडी होगी. इस पर काम चल रहा है.